आरक्षक उमेश ने उठाया एक बड़ा कदम, मिल रही सराहना

आरक्षक उमेश ने उठाया एक बड़ा कदम, मिल रही सराहना

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-25 09:45 GMT
आरक्षक उमेश ने उठाया एक बड़ा कदम, मिल रही सराहना

डिजिटल डेस्क,बालाघाट। देश के जम्मु कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमले ने देश के 40 बहादुर जवानों को शहीद कर दिया। जिस घटना ने पूरे देश को जगा दिया। घटना को लेकर जहां लोगो में आक्रोश नजर आ रहा है वहीं आर्मी बैटल केज्युलिटीज वेलफेयर फंड में भी देश के जागरूक लोग आर्थिक रूप से यथासंभव सहयोग दे रहे है। कोई एक दिन तो एक महिने की सैलरी देकर इस फंड में अपना योगदान दे रहा है, लेकिन बालाघाट में पदस्थ पुलिस इंटेलिजेंस में डिपार्टमेंट की छोटी पोस्ट आरक्षक के रूप में तैनात उमेश शर्मा ने एक नई,अनूठी और प्रेरणादायी पहल का परिचय दिया है। 

बालाघाट के पुलिस इंटेलिजेंस में आरक्षक के पद पर पदस्थ उमेश शर्मा मूलतः ईटारसी के निवासी है, जिनका कहना है कि वह अपने एक दोस्त के कार्यो से प्रेरित होकर पुलवामा घटना के बाद उन्होंने तय किया कि आर्मी बैटल केज्युलिटीज वेलफेयर फंड में वह अपना योगदान सेवाकाल तक देंगे। जबकि आरक्षक उमेश शर्मा का परिवार मध्यम वर्गीय परिवार है,जहां से आने वाले देशभक्ति-जनसेवा में लगे आरक्षक का इस तरह की पहल किया जाना, एक नई सोच को जन्म देता है।

आरक्षक उमेश शर्मा ने अपने सेवाकाल के प्रत्येक साल में एक माह का वेतन आर्मी बैटल केज्युलिटीज वेलफेयर फंड में देने का निर्णय लिया है। आरक्षक उमेश शर्मा का कहना है कि देश की जनता अमन और चैन से रहती है क्योंकि हमारे देश के जवान सीमाओं पर पहरा देते है, जो हमारे परिवार के लिए अपनी जान कुर्बान कर देते है, हमारा भी दायित्व है कि हम उनके परिवार का ख्याल रखें और इसी भावना से उन्होंने पूर्ण सेवाकाल तक प्रति वर्ष एक माह का वेतन आर्मी बैटल केज्युलिटीज वेलफेयर फंड में देने का निर्णय स्वविवेक से लिया है। उन्होंने कहा कि देश के संपन्न लोग भी आगे आये तो निश्चित ही देश पर बलिदान करने वालो के परिवार को ऐसी मदद मिलेगी कि हर कोई देश की सेवा के लिए आगे आने के बारे में सोचेगा। उन्होंने कहा कि जैसे हर देशवासी के लिए देश पहले है तो उसकी सुरक्षा में लगे जवान का परिवार भी पहले होना चाहिये। उनका स्वयं का मानना है कि यदि हमारी जरूरतें कम होगी तो ऐसे कार्य और भी किये जा सकते है।

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