यूनिवर्सिटी में नया बखेड़ा, बी.कॉम के पेपर जांचने वालों की लिस्ट में एमसीएम और लॉ पढ़ाने वालों के नाम

यूनिवर्सिटी में नया बखेड़ा, बी.कॉम के पेपर जांचने वालों की लिस्ट में एमसीएम और लॉ पढ़ाने वालों के नाम

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-11 08:05 GMT
यूनिवर्सिटी में नया बखेड़ा, बी.कॉम के पेपर जांचने वालों की लिस्ट में एमसीएम और लॉ पढ़ाने वालों के नाम

डिजिटल डेस्क , नागपुर। यूनिवर्सिटी में इन दिनों पुन: एक बखेड़ा खड़ा होने की स्थिति बन रही है। दरअसल, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही का फटका विद्यार्थियों को सहन करना पड़ रहा है। शीतकालीन परीक्षा सत्र में ली गई बी.कॉम प्रथम सेमिस्टर के कुछ विषयों के पेपर जांचने के लिए विवि को मूल्यांकनकर्ता तक नहीं मिले। मजबूरन अन्य विषयों के शिक्षकों को इसकी जिम्मेदारी देनी पड़ी। प्राप्त जानकारी के अनुसार बी.कॉम प्रथम सेमिस्टर के बिजनेस इकोनॉमिक्स और कंपनी लॉ विषय के पेपर जांचने में यह वाकया सामने आया है, जिससे यूनिवर्सिटी के बोर्ड आफ स्टडीज की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह उपस्थित होते हैं। यूनिवर्सिटी पर लग रहे आरोपों के चलते यहां विवाद फिर से सुर्खियों में है। वहीं स्टूडेंट्स उनके परसेंट का असर इस विवाद के चलने का अंदेशा व्यक्त कर रहे हैं।

क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली के अनुसार संबंधित पाठ्यक्रम के बोर्ड ऑफ स्टडी (बीओएस) को पेपर जांचने के लिए प्राध्यापकों के नाम यूनिवर्सिटी  को सुझाने होते हैं। नाम निर्धारित करते वक्त बीओएस को उस शिक्षक के कॉलेज का अप्रुवल और शिक्षक के पांच वर्ष के अनुभव जैसी चीजों को ध्यान में रखा जाता है। इस बार उक्त विषयों को जांचने के लिए बीओएस ने जिन शिक्षकों के नाम निर्धारित किए हैं, उनमें कई शिक्षक एमसीएम, एमबीए और लॉ पढ़ाने वाले हैं, उन्हें बिजनेस इकोनॉमिक्स और कंपनी लॉ विषय पढ़ाने का अनुभव नहीं है। कुछ शिक्षक ऐसे हैं जिनके पास उनके कॉलेजों का अप्रुवल नहीं था। ऐसे में इन विषयों के मूल्यांकन पर गंभीर प्रश्नचिन्ह उपस्थित हो रहे हैं। इसका असर परसेंट पर सीधे पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। बता दें कि पूर्व में भी यूनिवर्सिटी  के बीओएस के सदस्यों पर अपनी मनपसंद शिक्षकों को ही मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपने के आरोप लग चुके हैं। मामले में यूनिवर्सिटी परीक्षा नियंत्रक डॉ. नीरज खटी से फोन पर संपर्क नहीं हो सका। 

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