यूनिवर्सिटी की गलती का खामियाजा भुगत रही छात्रा,एडमिशन से वंचित होने की नौबत

यूनिवर्सिटी की गलती का खामियाजा भुगत रही छात्रा,एडमिशन से वंचित होने की नौबत

Anita Peddulwar
Update: 2021-01-19 05:33 GMT
यूनिवर्सिटी की गलती का खामियाजा भुगत रही छात्रा,एडमिशन से वंचित होने की नौबत

डिजिटल डेस्क, नागपुर । राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की पोस्ट ग्रेजुएट प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी के चलते एक छात्रा को प्रवेश से वंचित रहने की नौबत आ गई है। नियमानुसार इस छात्रा को अपने प्रतिशत अंक के अनुसार यूनिवर्सिटी कैंपस के पीजी विभाग में सीट मिलनी चाहिए थी। नागपुर यूनिवर्सिटी की पीजी प्रवेश प्रक्रिया शुरू है। 

एनसीसी के अंक छोड़ दिए
जानकारी के अनुसार, इस छात्रा ने ऑनलाइन आवेदन भरा। इसके बाद प्रोविजनल मेरिट लिस्ट जारी हुई, जिसमें छात्रा के एनसीसी के अंक छोड़ दिए गए। इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए छात्रा ने 30 अंकों के लिए यूनिवर्सिटी के पास आपत्ति दर्ज कराई। इस पर संज्ञान लेते हुए नागपुर यूनिवर्सिटी ने कुल अंकों में 30 अंक बढ़ा दिए। इसके अनुसार छात्रा के प्रतिशत भी बढ़ाए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। नतीजा हुआ कि छात्रा मेरिट लिस्ट में पिछड़ गई और उसे मनचाही सीट नहीं मिल सकी। 

निजी कॉलेज में सीट, लेकिन फीस अधिक 
छात्रा को शहर के एक निजी कॉलेज में सीट आवंटित हुई, लेकिन वहां की फीस 65 हजार रुपए से भी अधिक थी। छात्रा ने यूनिवर्सिटी को आप-बीती लिखित में दी। प्रार्थना की कि उसे सिविल लाइंस स्थित गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में सीट दी जाए। कुलगुरु डॉ.सुभाष चौधरी ने इस मामले का संज्ञान लेकर केंद्रीय प्रवेश समिति को इसे विशेष मामला करार देकर छात्रा को प्रवेश देने के भी आदेश दिए थे, लेकिन अब तक छात्रा को प्रवेश नहीं मिल सका है। नागपुर यूनिवर्सिटी की सुस्त कार्यप्रणाली विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करती नजर आ रही है। 

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