तीन साल का कार्यकाल पूरा हुए बगैर पद से हटाना गैर कानूनीः हाईकोर्ट

तीन साल का कार्यकाल पूरा हुए बगैर पद से हटाना गैर कानूनीः हाईकोर्ट

Anita Peddulwar
Update: 2020-11-28 13:29 GMT
तीन साल का कार्यकाल पूरा हुए बगैर पद से हटाना गैर कानूनीः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक स्थान पर तीन साल की अवधि को पूरा किए बगैर सरकारी अधिकारी को बिना तबादले के तत्काल पद छोड़ने के आदेश को गैर कानूनी माना है। इससे पहले तहसीलदार स्तर के इस अधिकारी को महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण ने भी राहत दी थी। जिसे हाईकोर्ट ने कायम रखा है। मैट के आदेश के खिलाफ चंद्रशेखर सानप नाम के अधिकारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सानप को तहसीलदार के पद पर सांगली से सतारा स्थानांतरित किया गया था। यह तबादला सानप के आग्रह पर किया था।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सानप की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने मैट के आदेश को खामीपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल को तबादला का आदेश दिया गया, जबकि दूसरे तहसीलदार स्तर के अधिकारी को सिर्फ अपना पद छोड़ने के लिए कहा गया है। इसलिए मैट को दूसरे अधिकारी के आवेदन पर आदेश नहीं जारी करना चाहिए था। 

इस तर्क से असहमत खंडपीठ ने कहा कि सरकार की ओर से तहसीलदार के स्तर के दूसरे अधिकारी को अपना पद छोड़ने के लिए कहना नियमों के तहत नहीं है। उसने सिर्फ अपना डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा किया है। जबकि नियमों के तहत अधिकारी को तीन साल तक अपने पद पर बने रहने का हक है। इस लिहाज से उसे पद छोड़ने के लिए कहना उचित नहीं है। इस तरह से खंडपीठ ने तहसीलदार को अपने पद पर बने रहने का आदेश दिया और सानप की याचिका को खारिज कर दिया। खंडपीठ ने मामले को लेकर मैट के आदेश को सही माना और उसमें हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। सरकारी वकील ने भी कहा कि हमने मैट के आदेश को लागू कर दिया है। 

Tags:    

Similar News