असंसदीय भाषा जिप की संस्कृति नहीं ,मिलकर उपाय योजना करें
आरोप-प्रत्यारोप असंसदीय भाषा जिप की संस्कृति नहीं ,मिलकर उपाय योजना करें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिप सदस्य कुंदा राऊत पर उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कीटे के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग कर अपमान करने का आरोप है। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। कुंदा राऊत के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए जिप अधिकारियों ने कहा कि, यह जिला परिषद की संस्कृति नहीं है। भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए प्रशासन और पदाधिकारी मिलकर उपाययोजना करें।
बयान पर राजपत्रित अधिकारी संघ आक्रामक : राऊत के बयान को लेकर महाराष्ट्र राज्य राजपत्रिक अधिकारी महासंघ के पदाधिकारी आक्रामक हो गए हैं। इस बाबत अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलकिशोर फुटाणे के नेतृत्व में जिप के सभी विभाग प्रमुखों ने सोमवार को जिप अध्यक्ष रश्मि बर्वे व सीईओ योगेश कुंभेजकर से मुलाकात कर अपनी नाराजगी व्यक्त की। दोनों को निवेदन सौंपा गया। संगठन ने कहा कि, कोरोनाकाल में अधिकारी व कर्मचारियों ने बेहतर काम किया है। जिप के सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों से सुसंवाद कर काम करते हैं। अब तक अधिकारियों का सदस्यों ने कभी अपमान नहीं किया है। जिप में अत्यंत सुसंस्कृत पद्धति से कामकाज होता है। सभ्यता की पुरानी परंपरा है। जिप सभागृह में कुंदा राऊत का व्यवहार और भाषा असंसदीय है।
अधिकारी को उसकी हैसियत दिखाना ठीक नहीं : उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कीटे व जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर का अपमान किया है। किसी अधिकारी को उसकी ‘हैसियत’ दिखाने की सभागृह की परंपरा नहीं है। इस तरह की घटना न हो, इसके लिए प्रशासन व पदाधिकारी उपाययोजना करें। इस अवसर पर प्रकल्प संचालक विवेक इलमे व अन्य विभाग प्रमुख उपस्थित थे।