किसानों को बेची पत्थर बन चुकी यूरिया !

किसानों को बेची पत्थर बन चुकी यूरिया !

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-23 14:04 GMT
किसानों को बेची पत्थर बन चुकी यूरिया !

दैनिक भास्कर न्यूज डेस्क, मंडला. किसानों की उपज का उचित लाभ नहीं मिलने के बाद अब खाद सप्लाई किसानों की मुसीबत बढ़ा रही है. यहां सोसायटियों को पत्थर बन गई यूरिया खाद भेजी गई है. यह खाद किसानों को बेची जा रही है. किसानों के विरोध के बाद आदिम जाति सहकारी सेवा समिति ककैया से इस खाद वापस बुला ली गई है. किसानों ने शासन और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए है.

जानकारी के मुताबिक खरीफ फसल बोवनी का कार्य किसानों से शुरू कर दिया है. कल हुई बारिश के बाद किसान का डेरा खेतों में है. बोवनी के लिए किसान खाद बीज का इंतजाम कर रहे है. यहां विपणन संघ के द्वारा गोदाम में रखी खाद किसानों को  सोसायटियों के माध्यम से विक्रय की जा रही है. शासन से मंडला जिला को 2015 की यूरिया भेज दी गई है. यहां गोदाम से यही खाद विभाग ने सोसायटियों को उपलब्ध करा दी है.

किसानों के आरोप है कि यूरिया पत्थर बन चुकी है. सोसायटियों में सप्लाई की गई उज्जवला, नागार्जुन, कृफको कंपनी के यूरिया की गुणवत्ता घटिया है. यूरिया को खेतों में डालने के बाद उसका लाभ नहीं मिलेगा. सोसायटियों में यूरिया लेने आने वाले किसानों में रोष देखा जा रहा है. किसानों की मांग है कि गुणवत्तायुक्त यूरिया किसानों को सप्लाई की जाए. सोसायटियों से खाद वापस बुलाई जाकर नई खाद सप्लाई की जाए जिससे किसानों को खाद का लाभ मिले.

ककैया में विरोध के वापस

ककैया लेम्पस में खाद लेने पहुंचे किसानो को पत्थर बना गया यूरिया दिया गया. यहां किसानों ने इसका विरोध किया और गुणवत्तायुक्त यूरिया की मांग की. यहां किसानों की नाराजगी और माहौल को देखते हुए किसानों से यूरिया वापस ले लिया गया है. ट्रक मेें आए यूरिया को वापस कर दिया गया है. किसानों का कहना है कि इस यूरिया को विभाग कहीं ना कहीं खपाएगा. जिससे किसानों का ही नुकसान होगा.

11 हजार टन का लक्ष्य

इस साल खरीफ फसल के लिए 11 हजार 758 टन विक्रय विक्रय का लक्ष्य किसानों की डिमांड को देखते हुए रखा गया है. जिसमें 7 हजार टन यूरिया, 2 हजार टन सुपर, 22 सौ टन डीएपी, 100टन पोटाश, इफको 458टन की आवश्यकता पड़ेगी. पिछले वर्ष 6 हजार 703  टन यूरिया, 1880 टन सुपर, 2345 टन डीएपी, 57  टन पोटाश, इफको 332 टन खपत की गई थी.

सोसायटियों में 18 सौ टन खाद

खरीफ फसल के लिए फिर खाद की किल्लत बनने की संभावना है. सोसायटी और विभाग के गोदाम में लक्ष्य के अनुरूप कम खाद है. सोसायटी में 654  टन यूरिया, 496 टन सुपर, 387 टन डीएपी, 14  टन पोटाश, इफको 249 टन उपलब्ध है. विभाग के गोदाम में 595 टन यूरिया, 1669 टन डीएपी, 178टन एनपी, 90टन सुपर, 21 टन पोटाश की उपलब्धता है.

यूरिया 350 में बेंच रहे डीलर

कृषि विभाग के लाइसेंसी डीलर किसानों को लूट रहे है. सोसायटी में पुराना यूरिया आने के बाद किसान डीलर के पास जा रहे है. 301 रूपए की नीम कोटेड यूरिया 340 और 350 में दी जा रही है. खुलेआम किसानों से लूट हो रही है. लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी इसकी जांच भी नहीं कर रहे है. विभाग को शिकायत आने का इंतजार है. डीलरों के गोदामों में रखी अमानक खाद पर भी कार्रवाई औपचारिक हुई है.

विपणन संघ डीएमओ एसके गबले ने कहा कि यूरिया खराब नहीं हुआ है, उसमें नाईट्रोजन है, किसानों के उपयोग के लायक है, अगर किसान और सोसायटी नहीं लेना चाहते तो गोदाम में वापस कर ली जाएगी.

संचालक जिला सहकारी बैंक मंडला सुधीर कसार ने कहा कि सोसायटियों में सप्लाई की गई उज्जवला, नागार्जुन, कृफको कंपनी के यूरिया की गुणवत्ता घटिया है. विभाग का वापस बुलानी चाहिए. खाद सप्लाई में लापरवाही बरती गई है.

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