पाकिस्तान में बैठी गैंग तक सतना के आरोपी ने पहुंचाए 2 करोड़ रू.

पाकिस्तान में बैठी गैंग तक सतना के आरोपी ने पहुंचाए 2 करोड़ रू.

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-17 07:42 GMT
पाकिस्तान में बैठी गैंग तक सतना के आरोपी ने पहुंचाए 2 करोड़ रू.

डिजिटल डेस्क, सतना। इंदौर में एसटीएफ के हत्थे चढ़े सतना के पुष्पेन्द्र सिंह उर्फ छोटू ने एक साल के अंदर पाकिस्तान में बैठे बड़ा मामू गैंग तक 1 करोड़ 93 लाख 76 हजार रुपए की रकम पहुंचाई थी। जिले के कोटर थाना इलाके के गजिगवां निवासी 27 वर्षीय  पाकिस्तानी एजेंट पुष्पेन्द्र सिंह उर्फ छोटू पिता अभिमान सिंह , इंदौर के कल्प कामधेनु इलाके में रह कर 8 साल से इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था।  पाकिस्तान का बड़ा मामू गिरोह ऑनलाइन ठगी में उस्ताद है। एसटीएफ के एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि अब तक  15 बैंकों के 40 खाते और 30 से भी ज्यादा ऐसे डेबिट कार्ड  चिन्हित किए गए हैं, जिनका उपयोग वो पाकिस्तानी हैंडलर्स तक रकम पहुंचाने में किया करता है। एसटीएफ का करोड़ों के ट्रांजेक्शन की आशंका है। बताया गया है कि इससे पहले पुष्पेन्द्र सिंह सतना के देवेन्द्र के मातहत काम करता था। इसी दौरान वो सीधे पाकिस्तानियों के संपर्क में आया।  

18 दिसंबर तक रिमांड पर
पुष्पेन्द्र 18 दिसंबर तक इंदौर एसटीएफ की रिमांड पर है। उसने पूछतांछ में बताया कि वो ऑनलाइन ठगी की रकम को पाकिस्तानी आकाओं तक पहुंचाने के लिए नए-नए बैंक खाते और डेबिट कार्ड उपलब्ध कराया करता था। इस एवज में उसे लगभग 7 फीसदी कमीशन मिलता था। एक अनुमान के मुताबिक इस गोरखधंधे में  उसे हर माह 6 लाख की हराम की कमाई हुआ करती थी। अपने फायदे के लिए पुष्पेन्द्र सिंह ने न केवल रिश्तेदारों ,दोस्तों और परिचितों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया। बल्कि नए बैंक खातों के लिए वो अपने दोस्तों को 3  प्रतिशत के कमीशन आफर कर नए - नए बैंक खाते  और डेबिट कार्ड भी हासिल कर लेता था। इस हद तक है शातिर - बैंकों में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी बदल देता था।

पाकिस्तानी हैंडलर्स का ये फंड मैनेजर किस कदर शातिर है,अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो डेबिट कार्ड के माध्यम से कई बैंक खातों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी बदल लेता था। इस तरह से वास्तविक खातेदार को जहां उसके एकाउंट के ट्रांजेक्शन की भनक तक नहीं लगती थी, वहीं पुष्पेन्द्र उर्फ छोटू एसएमएस के माध्यम से खाते के हर ट्रांजेक्शन पर नजर रखता था।  मास्टर माइंड पुष्पेन्द्र उर्फ छोटू स्वयं के बैंक खाते का इस्तेमाल पाकिस्तानी हैंडलर्स के बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करने के लिए किया करता था। उसने केनरा बैंक के खाते से एक साल में 1 करोड़ 43 लाख 76 हजार रुपए और  कोटक महिन्द्रा बैंक के खाते से 4 माह में 50 लाख की राशि ट्रांसफर की थी। वो अपने एक अन्य आरोपी साथी सुजीत सिंह के बैंक खाते का इस्तेमाल भी पाकिस्तानी हैंडलर्स के खाते में राशि भेजने के लिए किया करता था। एसटीएफ इस पड़ताल में भी जुटी हुई है कि भारतीय मूल का पैसा बैंकों के सेविंग एकाउंटस से किस तरह से पाकिस्तानी ठगो के लिए उड़ाया जाता था?

5 अन्य आरोपी जेल में , इनमें 3 सतना और 1 रीवा का
उसके साथ जिन अन्य 5  आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें 3 सतना , 1  रीवा और 1 वक्रतुंड नगर इंदौर का रहने वाला है। 28 वर्षीय भोगेन्द्र सिंह निवासी हनुमान नगर नईबस्ती सतना, करण सिंह (22)रामपुरबघेलान, बृजेन्द्र सिंह (25) सरिया टोला माधगवढ़, सुजीत सिंह पटेल (22) पंपरथरा रीवा और एक अन्य मनीष भालसे वक्रतुंड नगर का रहने वाला है। पुष्पेन्द्र को छोड़कर अन्य सभी आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिए गए हैं। आरोपी योगेन्द्र , सुरजीत और बृजेन्द्र जहां इंजीनियरिंग के स्टूडेंट हैं, वहीं करण बारहवीं का विद्यार्थी है। एक अन्य मनीष आईटीसी में टीम लीडर था।  ये आरोपी पुष्पेन्द्र उर्फ छोटू की लाइफ स्टाइल से प्रभावित हुए और पैसों की लालच में उसके जाल में फंस गए।

आखिर ,बड़ा मामू कौन
बड़ा मामू असल में पाकिस्तान का ऑनलाइन ठगों का एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह है,जो पाकिस्तान में ही बैठकर भारत समेत अन्य देशों में लाटरी ड्रा, बैंक आफीसर बन कर एटीएम ब्लाक करने के झांसा देने और इसी तरह के अन्य मैसेज या कॉल कर धोखाधड़ी कर रकम उड़ाने की ऑनलाइन बदमाशी में माहिर है। बतौर फंड मैनेजर इसी गिरोह के लिए 7 फीसदी कमीशन पर पुष्पेन्द्र उर्फ छोटू बैंक खातों और डेबिट कार्ड का जुगाड़ किया करता था। इसके लिए वो अपने साथियों को भी 3 प्रतिशत के कमीशन  देकर उनसे नए -नए बैंक खातें भी हासिल कर लेता था।

ऐसे खुली पोल
 विजय नगर निवासी वैभव सिंह की शिकायत पर इंदौर की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आरोपी  पुष्पेन्द्र उर्फ छोटू सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर पड़ताल शुरु की थी।  वैभव का आरोप था कि छोटू ने 10 लाख का बीमा और कमीशन का लालच देकर उसका खाता खुलवाया और एटीएम कार्ड रख कर एकाउंट से खुद का मोबाइल नंबर जोड़ लिया। इस खाते से लाखों का ट्रांजेक्शन किया गया। पाकिस्तान में बैठे पुष्पेन्द्र उर्फ छोटू के आका उसके साथ वाट्स एप के वाइस नोट के जरिए जानकारियां साझा किया करते थे। ये लोग कभी भी 92 सीरिज के मोबाइल नंबरों पर सीधे बातचीत करने से बचते थे।   

 

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