नागपुर में अक्टूबर से दौड़ेगी वनबाला ट्रेन, बनाई जा रही डेढ़ करोड़ की सुरक्षा दीवार

नागपुर में अक्टूबर से दौड़ेगी वनबाला ट्रेन, बनाई जा रही डेढ़ करोड़ की सुरक्षा दीवार

Anita Peddulwar
Update: 2020-09-26 11:14 GMT
नागपुर में अक्टूबर से दौड़ेगी वनबाला ट्रेन, बनाई जा रही डेढ़ करोड़ की सुरक्षा दीवार

 डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  कोरोना संक्रमण के कारण बंद पड़ी बच्चों की वनबाला ट्रेन अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में शुरू की जाएगी। ताकि पहले की तरह बच्चों को हरियालियों के बीच छोटी रेलगाड़ी का सफर करवाया जा सके। इसी के साथ सुरक्षा के लिहाज से परिसर में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से सुरक्षा दीवार भी बनाई जा रही है, ताकि असामाजिक तत्वांे से परिसर को राहत मिल सके। मार्च महीने में तालाबंदी की घोषणा के बाद से अब तक इसे बंद रखा गया है। हालांकि विभाग की ओर से इसका रखरखाव किया जा रहा है। वर्तमान स्थिति में राज्य की ताड़ोबा, पेंच आदि जंगल सफारियां शुरू की जा रही हैं। जिसके लिए सैलानियों को नए नियमों का भी पालन किया जाएगा। इससे वन विभाग का राजस्व बढ़ेगा। इधर सेमिनरी हिल्स की छोटी रेल गाड़ी को भी बच्चों के लिए चलाने का निर्णय वन विभाग ने लिया है।

7 फीट ऊंची बनेगी दीवार 
सेमिनरी हिल्स परिसर में हरियाली से भरा परिसर है। अब तक यहां चारों ओर से सुरक्षा जाली लगाई गई थी, ताकि भीतर कोई जा न सके। लेकिन वर्तमान स्थिति में कई जगहों पर जाली सड़ चुकी है। जिससे यहां से कोई भी आसानी से आना-जाना कर सकता है। परिणामस्वरूप रात के वक्त यहां असामाजिक तत्व सक्रिय रहता है। ऐसे में वन विभाग ने यहां सुरक्षा दीवार बनाने का निर्णय लिया है। एक करोड़ 78 लाख की लागत से बन रही 7 फीट ऊंची दीवार एक ओर परिसर की सुरक्षा बनाए रखेगी, वहीं दूसरी ओर जड़ छोड़ रहे पेड़ों के लिए आसरा भी बनेगी। 

वाहनधारकों की बढ़ाएगी परेशानी
परिसर में पहले से ही मार्ग छोटे व आवागमण बहुुत ज्यादा रहने से वाहनधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। उपरोक्त दीवार के कारण और भी ज्यादा सड़क संकरी हो गई है। यहीं पर स्कूल, कॉलेज आदि होने से बहुत ज्यादा भीड़ हो जाती है। ऐसे में वाहनधारकों को परेशानी का सामाना करना पड़ेगा। 

अक्टूबर में होगी शुरू
अक्टूबर माह में वनबाला को शुरू करेंगे। असामाजिक तत्व को रोकने के लिए सुरक्षा दीवार बनाना जरूरी था। ऐसे में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है।  -  पी. शुक्ला, डीएफओ (प्रादेशिक), वन विभाग नागपुर

  
 

Tags:    

Similar News