ट्रेन किराये से महंगी है नागपुर में पार्किंग, डेली अपडाउन करने वालों की जेब पर पड़ रही मार

ट्रेन किराये से महंगी है नागपुर में पार्किंग, डेली अपडाउन करने वालों की जेब पर पड़ रही मार

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-27 10:44 GMT
ट्रेन किराये से महंगी है नागपुर में पार्किंग, डेली अपडाउन करने वालों की जेब पर पड़ रही मार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर रेलवे स्टेशन पर इन दिनों अजीब स्थिति बनी है। रेलवे से नियमित सफर करनेवालों को सफर किराये से ज्यादा पार्किंग चार्ज चुकाना पड़ रहा है। जिससे उनका बजट बिगड़ रहा है। पार्किंग ठेकेदारों से पास की सुविधा नहीं देने की वजह से ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं।

क्यों पड़ती है पार्किंग की जरूरत

नागपुर रेलवे स्टेशन व्यस्त स्टेशनों की सूची में शामिल है। जहां रोजाना एक सौ से अधिक यात्री गाड़ियां दिल्ली, मुंबई व हावड़ा की ओर दौड़ती है। अधिकृत आंकड़ों की बात करें तो रोजाना 25 हजार से अधिक यात्री यहां से विभिन्न दिशाओँ से आवागमन करते हैं। जिनमें साल में एक बार सफर करनेवालों के साथ नियमित सफर करनेवालों का समावेश होता है।  ऐसे में उन्हें यहां आकर गाड़ी पकडऩा पड़ता है।  टेन सही समय पर पकडऩी होती है, ऐसे में रोज ऑटो या बस से आना संभव नहीं रहता। परिणामस्वरूप वह अपनी दो पहिया वाहन यहां लाकर रखते हैं। फिर यही से किसी गाड़ी से गंतव्य तक पहुंचते हैं। रोज यहां से भंडारा, तुमसर, वर्धा जानेवालों की भीड़ होती है।

कैसे पार्किंग सफर से महंगी होती है

नागपुर रेलवे स्टेशन पर नये पार्किंग शुल्क के आधार पर 8 घंटे के लिए वाहन रखने पर 10 रुपये, 16 घंटे वाहन रखने के लिए 20 रुपये व 25 घंटे वाहन रखने के लिए 35 रुपये किराया लिया जाता है। जिसके अनुसार यहां से नियमित तौर पर सफर करने वाले वाहनधारकों से 20 रुपये पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है। क्योंकि वे यहां गाड़ी रखने के बाद काम से जब तक लौटते हैं, तब तक 10 घंटे हो जाते हैं, यानी उनसे 16 घंटों का किराया वसूला जाता है। इनमें से बहुतांश यात्री एमएसटी (मंथली सीजन टिकट ) के अनुसार  एक माह रेल सफर का मात्र 5 सौ रुपये अदा करते हैं। वही पार्किंग के लिए 20 रुपये के अनुसार उन्हें 6 सौ रुपये लग जाते हैं।

हो सकता है 300 रुपये में काम

नियमानुसार एक महिने का पार्किंग पास लेने के लिए यात्रियों को मात्र 3 सौ रुपये चुकाने पड़ते हैं। लेकिन नियमों को धता बताते हुए स्टैण्ड ठेकेदार पास नहीं देते हैं। पास खत्म हो गई या फुल होने का बहाना बनाते हैं। हालांकि पार्किंग वाहनों में से 40 प्रतिशत वाहनों को पास देना अपेक्षित हैं। लेकिन ठेकेदार नहीं दे रहे हैं। जागो मुसाफिर पैसेंजर एडवाइजर कमेठी के सचिव एन. भगत ने बताया कि वह रोज नागपुर स्टेशन से भंडारा आवागमन करते हैं, लेकिन पास मांगने पर कभी उन्हें पास नहीं दिया जाता है। पार्किंग चार्ज के रोड 20 रुपये देना पड़ता है। जबकी रेल सफर का किराया इससे कम रहने की बात कही।

 रोजाना लगती है हजारों गाड़ियां

नागपुर रेलवे स्टेशन पर अधिकृत आंकड़ों की बात करें तो रोजाना हजारों गाड़ियां यहां लगती है। ऐसे में एक माह में यह संख्या कितनी होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में नियमानुसार इन गाड़ियों की संख्या में 40 प्रतिशत पास वितरित करना जरूरी है। बावजूद इसके मई माह में 4 सौ ही पास बांटे गये हैं। ऐसे में यात्रियों के पास अधिकार छीनने का दृश्य साफ हो रहा है।
 

 

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