सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन , इंटेलिजेंस अधिकारी को अवमानना नोटिस

कंपनी निदेशक की गिरफ्तारी का है मामला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन , इंटेलिजेंस अधिकारी को अवमानना नोटिस

Anita Peddulwar
Update: 2021-08-10 06:32 GMT
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन , इंटेलिजेंस अधिकारी को अवमानना नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) नागपुर जोनल कार्यालय की वरिष्ठ इंटेलिजेंस अधिकारी मंजूषा पार्डिकर को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। नवंबर 2020 में छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित डीवी प्रोजेक्ट लिमिटेड के निदेशक गौरव गुप्ता की गिरफ्तारी के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अवमानना के आरोप हैं। गुप्ता ने हाई कोर्ट में पार्डिकर के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अनुसार,  बिलों की हेरा-फेरी के आरोप में 25 नवंबर 2020 को उनके खिलाफ  डीजीजीआई ने मामला दर्ज किया था। याचिकाकर्ता का दावा है कि उनके द्वारा जांच में पूरी तरह सहयोग करने के बावजूद उन्हें 25 नवंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद वे अदालत से जमानत पर रिहा हुए। 

दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा व एड. प्रितेश अतकर के अनुसार वर्ष 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने अरनेश कुमार प्रकरण में स्पष्ट किया था कि पुलिस किसी भी आरोपी को बेवजह और नियमों का उल्लंघन करके गिरफ्तार नहीं कर सकती। किसी भी आरोपी को गिरफ्तार करने के पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पूर्ण दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत करना जरूरी है, लेकिन उक्त मामले में याचिकाकर्ता को न्यायिक हिरासत में भेजने की अर्जी में प्रतिवदियों ने पूर्ण दस्तावेज तक नहीं जोड़े। ऐसे में हाई कोर्ट में डीजीजीआई अधिकारी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। 
 

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