महाराष्ट्र में हिंसा सुनियोजित साजिशः फडणवीस

अब अमरावती हिंसा पर राजनीति महाराष्ट्र में हिंसा सुनियोजित साजिशः फडणवीस

Anita Peddulwar
Update: 2021-11-13 14:09 GMT
महाराष्ट्र में हिंसा सुनियोजित साजिशः फडणवीस

डिजिटल डेस्क,मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने अमरावती सहित राज्य के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा को सुनियोजित साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि महा विकास आघाडी सरकार के लोग उत्तेजक बयानबाजी कर रहे हैं। त्रिपुरा में जो घटना हुई ही नहीं उसके नाम पर महाराष्ट्र मे हिंसा फैलाई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हिंदुओं के दुकानों पर हमले की हम निंदा करते। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने अमरावती में शांति स्थापित करने की मांग करते हुए त्रिपुरा पुलिस फोटो जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया पर फर्जी तस्वीरे वायरल की जा रही है। वहां कोई मस्जिद नहीं चलाई गई। फर्जी बातों को लेकर महाराष्ट्र में हिंदुओं की दुकाने जलाई जा रही है। फडणवीस ने कहा कि सरकार से जुड़े लोग मंच पर जाकर लोगों को भड़काते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। केवल अफवाह पर विश्वास कर मोर्चे निकाले गए और हिंदुओं की दुकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि अगर महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्री मंच से भड़काऊ, बांटने वाले बयान देना जारी रखेंगे तो दंगे की संपूर्ण जवाबदारी सरकार की होगी। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। 

आघाड़ी सरकार अस्थिर करने की साजिश: राऊत
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने महाराष्ट्र के अमरावती में भड़के दंगे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अमरावती और अन्य जगहों पर हिंसा का उद्देश्य महाविकास आघाड़ी  सरकार को अस्थिर करना है।राउत ने कहा कि राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी और हिंसा के साजिशकर्ताओं के चेहरे जल्द बेनकाब किए जाएंगे।  उन्होंने कहा कि इस हिंसा के पीछे के असली चेहरे राज्य के गृहविभाग की जांच में बेनकाब होंगे।

राज्य को अशांत करने का साजिश: पटोले
प्रदेश कांग्रेस अध्यंक्ष नाना पटोले ने कहा कि त्रिपुरा में हुई घटना के परिणामस्वरूप नांदेड, मालेगांव और अमरावती सहित महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में माहौल को गरमाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्दत ही उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि दंगे भड़काकर चुनाव में इसका फायदा उठाने की यह भाजपा की कोशिश है। 
 
20 एफआईआर दर्ज, 20 लोग पकड़े गए
त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के पांच जिलों में मुस्लिम समुदाय द्वारा निकाले गए मोर्चे के दौरान हुई पत्थरबाजी मामले में 20 एफआईआर दर्ज की गई है। अब तक इस मामले में 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। शुक्रवार को कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव की घटनाएं मुख्य रूप से अमरावती, मालेगांव और नांदेड़ शहर में हुई थीं। मालेगांव में भी शुक्रवार दोपहर विरोध मार्च के दौरान पथराव हुआ। पुलिस ने बताया कि भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठियां चलानी पड़ीं, घटना में पुलिस का एक वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया।  मालेगांव में कम से कम दस पुलिसकर्मी घायल हो गएथे।उन्होंने बताया कि तीन एफ आई आर दर्ज की गईं हैं और दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि नांदेड़ में भी पथराव हुआ था जिसमें आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ ने पुलिस के चार वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया।वहीं मुस्लिम संगठन रजा अकादमी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें त्रिपुरा में हिंसा से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिए जाने और क्षतिग्रस्त मस्जिदों के पुनर्निर्माण की मांग की गई।

रजा अकादमी पर लगे प्रतिबंध
त्रिपुरा हिंसा के नाम पर महाराष्ट्र में मोर्चा आयोजित करने वाले रजा अकादमी पर पांबदी की मांग हो रही है। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने रजा अकादमी पर राज्य में दंगे भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पर तुरंत पाबंदी लगाई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में भातखलकर ने कहा कि त्रिपुरा में एक धार्मिक स्थल पर हमले की अफवाह फैलाई गई। रजा अकादमी ने मुस्लिम युवको को भड़का कर महाराष्ट्र में दंगे भड़का रही है। पुलिस पर हमले किए गए। भाजपा विधायक ने कहा कि राज्य सरकार रजा अकादमी पर प्रतिबंध के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजे। इसके पहले 2012 में रजा अकादमी द्वारा मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान पर आयोजित मोर्चे के दौरान शहीद स्मारक में तोड़फोड़ की गई थी। इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों के कपड़े भी फाड़े गए थे। 


 

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