हिंसा मानवता की सबसे बड़ी शत्रु, वेंकैया नायडू के हाथों वर्ल्ड पीस डाेम का हुआ उद्घाटन

हिंसा मानवता की सबसे बड़ी शत्रु, वेंकैया नायडू के हाथों वर्ल्ड पीस डाेम का हुआ उद्घाटन

Tejinder Singh
Update: 2018-10-02 16:26 GMT
हिंसा मानवता की सबसे बड़ी शत्रु, वेंकैया नायडू के हाथों वर्ल्ड पीस डाेम का हुआ उद्घाटन

डिजिटल डेस्क, पुणे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि हिंसा मानवता की सबसे बड़ी शत्रु है और यह वर्तमान में पूरी दुनिया के सामने बड़ी चुनौती बन गई है। नायडू ने कहा कि दुनिया को शांति का संदेश देने की भारत की परंपरा है। प्रगति और समृध्दि के लिए शांति की आवश्यकता होती है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया को शांति, अहिंसा का पाठ पढ़ाया, जिसे दुनिया ने स्वीकारा है। वर्तमान में हिंसा की बढ़ती चुनौती को देखते हुए इन विचारों के साथ सभी को एकजुट आने की आवश्यकता है।उपराष्ट्रपति ने लोणी कालभोर स्थित एमआईटी विश्व शांति विश्वविद्यालय द्वारा निर्माण किए गए सबसे बड़े वर्ल्ड पीस डोम का उद्घटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एमआईटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विश्वनाथ कराड़, संस्था के मार्गदर्शक मंडल के चेयरमन डॉ. रघुनाथ माशेलकर, नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय भटकर, एमआईटी के राहुल कराड़ तथा मंगेश कराड़ उपस्थित थे।

वर्ल्ड पीस डाेम प्रेरणादायी साबित होगा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विश्वशांति, संस्कृति, ज्ञान का संदेश देने के लिए भारत का रूप दुनिया के सामने लाने के लिए यह डोम प्रेरणादायी साबित होगा। दुनिया बदल रही है, वैसे ही भारत भी बदल रहा है। इस बदलती परिस्थिति में दुनिया में एकात्मता एवं शांति बनी रहनी चाहिए। डाॅ. विश्वनाथ कराड़ ने बताया कि वर्ष 2005 को विश्वशांति प्रार्थना सभागृह निर्माण की संकल्पना उनके मन में आई। तब से इस डोम के निर्माण का कार्य शुरू हुआ। समूची दुनिया के संत तथा वैज्ञानिकों के पुतले इस डोम में स्थापित किए गए हैं। 21 वीं सदी में भारत विश्व गुरू के रूप में आगे आएगा, ऐसे स्वामी विवेकानंद ने कहा था। इसी के प्रतिक के तौर पर डोम का निर्माण किया गया है।

Similar News