व्यापमं घोटाले के आरोपी अमरीश शर्मा ने भोपाल कोर्ट में किया सरेंडर

व्यापमं घोटाले के आरोपी अमरीश शर्मा ने भोपाल कोर्ट में किया सरेंडर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-31 14:19 GMT
व्यापमं घोटाले के आरोपी अमरीश शर्मा ने भोपाल कोर्ट में किया सरेंडर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश के बड़े घोटालों में से एक व्यापमं घोटाले के आरोपी अमरीश शर्मा ने मंगलवार को भोपाल की जिला अदालत में सरेंडर कर दिया। इससे एक दिन पहले सीबीआई की टीम ने शर्मा के पीपुल्स कैम्पस स्थित घर पर दबिश दी थी लेकिन वो नहीं मिले थे। 

शर्मा, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर है। 2012 में व्यापमं की ओर से आयोजित की गई पीएमटी परीक्षा में अमरीश शर्मा, उनके ससुर सुरेश विजयवर्गीय सहित कुल 200 लोगों के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया गया है, जिसके बाद से ही उनकी तलाश की जा रही थी। बता दें कि करीब 5 महीने पहले सुरेश विजयवर्गीय ने भी अदालत में नाटकीय ढंग से सरेंडर किया था। उधर CBI कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसएस परमार ने व्यापमं फर्जीवाड़े में मुरैना निवासी चार आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपियों पर चार-चार हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। सजा पाने वालों में अभ्यर्थी, सॉल्वर, बिचौलिया और अभ्यर्थी का पिता शामिल है। यह मामला वनरक्षक परीक्षा-2013 का है।

करोड़ों में बेची गई थी सीटें
बता दें कि साल 2012 जब ये परीक्षा आयोजित की गई थी उस साल परीक्षा में 40 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे। जिनमें से 700 परीक्षार्थियों के रोल नंबर बदल दिए गए थे। दावा किया गया था कि उनमें से 300 से ज्यादा परीक्षार्थियों का चयन भी हो गया। निजी मेडिकल कॉलेजों पर आरोप है कि इन्होंने व्यापमं अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से राज्य सरकार के कोटे की सीटों पर भी सेंधमारी की और कुल 292 ऐसे स्टूडेंट्स को प्रवेश दिया, जो पीएमटी में बैठे भी नहीं थे। ये सीटें 50 लाख से एक करोड़ रुपए में बेची गई थीं।

घोटाले से जुड़ी अहम जानकारी 
- पीएमटी में 2000 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ था।
- 5000 से ज्यादा स्टूडेंट्स पर इसका असर पड़ा, करियर तबाह हुआ।
- मामले में 500 पेरेंट्स समेत करीब 2000 आरोपी हैं।
- 80 लाख रुपए तक एमबीबीएस में दाखिले का रेट था।
- 1.5 करोड़ रुपए तक प्रीपीजी दाखिले के लिए वसूले गए।

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