बिल्डर सुरेश बुर्रेवार के खिलाफ वारंट जारी

नियमों की अनदेखी बिल्डर सुरेश बुर्रेवार के खिलाफ वारंट जारी

Anita Peddulwar
Update: 2022-05-20 07:48 GMT
बिल्डर सुरेश बुर्रेवार के खिलाफ वारंट जारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपभोक्ता आयोग के निर्देश का पालन नहीं करने पर बिल्डर सुरेश बुर्रेवार के खिलाफ तीन अलग-अलग मामलों में 15000 का जमानती वारंट जारी किया गया हैै। साल 2020 में राष्ट्रीय आयोग ने बिल्डर की याचिका को खारिज कर राज्य आयोग के आदेश का तीन माह के भीतर पालन करने का आदेश दिया था। इस आदेश को पूरा करने का बिल्डर ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अदालतों का काम रुकने का लाभ उठाते हुए बिल्डर बुर्रेवार ने इसकी अनदेखी की।

यह है मामला 
जनवरी 2017 में राज्य उपभोक्ता आयोग ने तीन अलग-अलग मामलों में शिकायतकर्ता मिलिंद करमरकर, परेश कुकुड़कर और जी. हरिनाथ के पक्ष में निर्णय दिया था। आयोग के मुताबिक तीनों के मामलों में बिल्डर को प्रस्तावित गृहलक्ष्मी पैलेस का निर्माण कर अनुबंध के अनुसार बिक्री कर फ्लैट्स देने का निर्देश दिया था। राज्य आयोग ने विकल्प देते हुए यह भी आदेश दिया था कि, बिल्डर बुर्रेवार प्रस्तावित निर्माणकार्य करने में असमर्थ होने पर मूल रकम के साथ प्रत्येक शिकायतकर्ता को 5 लाख मुआवजा, 1 लाख मानसिक प्रताड़ना हर्जाना और 10 हजार अदालती खर्च के तौर 18 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का भी निर्देश दिया था।

बिल्डर बुर्रेवार ने इस आदेश को राष्ट्रीय उपभोक्ता उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी थी। साल 2020 में राष्ट्रीय आयोग ने बिल्डर की याचिका को खारिज कर राज्य उपभोक्ता आयोग के आदेश का तीन माह के भीतर पालन करने का आदेश दिया था। इस आदेश को पूरा करने का बिल्डर ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अदालतों का काम रुकने का लाभ उठाते हुए बिल्डर बुर्रेवार ने इसकी अनदेखी की। इस मामले में अब राज्य उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर बुर्रेवार के खिलाफ  तीन अलग-अलग मामलों में 15000 का जमानती वारंट जारी किया है। शिकायतकर्ता की ओर से अधि अरविंद वाघमारे ने पक्ष रखा।
 

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