युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना में शामिल

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने परोक्ष रुप से साधा चीन निशाना युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना में शामिल

Anita Peddulwar
Update: 2021-11-21 11:48 GMT
युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना में शामिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में रविवार को विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम नौसेना में शामिल कर दिया गया। मुंबई के माझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने नाम लिए बिना चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों वाले कुछ गैरजिम्मेदार देश अपने संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों के कारण समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) को गलत तरीके से परिभाषित कर रहे हैं। मनमानी व्याख्या के जरिए इसे कमजोर किया जाना चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि भारत के हिंद प्रशांत मार्ग को खुला और सुरक्षित रखना बेहद अहम है और यह भारतीय नौसेना का मुख्य उद्येश्य है। उन्होंने कहा कि विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए भी इस मार्ग की बड़ी अहमियत है । दुनिया के दो तिहाई आयल शिपमेंट, एक तिहाई बड़े कार्गो और आधे से अधिक कंटेनर ट्रैफिक यहीं से गुजरते हैं।

व्यापार के लिए सभी देश एक दूसरे पर निर्भर हैं ऐसे में दुनिया के विकास के लिए नेविगेशन के नियम आधारित स्वतंत्रता और समुद्री रास्ते की सुरक्षा पहले से ज्यादा अहम हो गई है। सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया अपनी सेना की ताकत बढ़ा रही है। आने वाले दिनों में रक्षा पर होने वाला खर्च बढ़ेगा। हम शिपबिल्डिंग हब के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में हम सिर्फ अपने लिए नहीं दुनिया की जरूरतों के लिए भी शिपबिल्डिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि माझगांव डाक शिपबिल्डिंग द्वारा निर्मित आईएनएस विशाखापट्टनम डिजाइन के मामले में पूरी तरह स्वदेशी है जबकि उसमें लगे 75 फीसदी उपकरण भी देश में ही निर्मित हैं। शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में यह अहम कड़ी है। सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों की भागीदारी इस क्षेत्र में प्रगति के लिए बेहद अहम होगी। यह देश की नौसेना की बढ़ती ताकत का प्रतीक है साथ ही मेक इन इंडिया और मेक फॉर वर्ल्ड के लिए भी यह मील का पत्थर है। सिंह ने कहा कि 163 मीटर लंबा आईएनएस विशाखापट्टनम आधुनिक तकनीक से लैस है और शक्तिशाली कोलकाता श्रेणी विध्वंसक का तकनीकी रूप से बेहतर संस्करण है।

यह है खासियत
आईएनएस विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना के लिए 35000 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाने वाले चार युद्धपोतों में से पहला युद्धपोत है। इसमें रडार से बचकर निकलने की क्षमता है। इसमें सतह से सतह, सतह से हवा में निर्धारित लक्ष्य को भेदने वाली मिसाइलें तैनात हैं। इसके अलावा संचालन और प्रबंधन के लिए इसमें अत्याधुनिक व डिजिटल प्राणाली लगाई गई है। यह प्रति घंटा 3 हजार समुद्री मील की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। देश में ही निर्मित विशेष गुणवत्ता वाले इस्पात 249ए से बना आईएनएस विशाखापट्टनम देश के देश के सबसे लंबे विध्वंसक पोतों में से एक है। इसका वजन 7400 टन है। इस पर 315 जवान तैनात रहेंगे।


 

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