जीवन साथी की पड़ताल करेगी यह वेबसाइट, फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

जीवन साथी की पड़ताल करेगी यह वेबसाइट, फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

Tejinder Singh
Update: 2018-08-26 13:19 GMT
जीवन साथी की पड़ताल करेगी यह वेबसाइट, फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शादी-विवाह तय करने के पारंपरिक तरीकों के इतर वैवाहिक वेबसाइटों के इस्तेमाल का चलन तेजी से बढ़ा है पर अब यह सुविधा भी जालसाजों की नज़र से नहीं बच पा रही। वैवाहिक वेबसाइट से हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी एक वेबसाइट तैयार की गई। ‘शादी वेरिफाई डॉट कॉम’ नामक इस वेबसाइट के माध्यम से विवाह के लिए चुने गए लड़के-लड़कियों के बारे में वास्तविक जानकारी मिल पाएगी।

‘शादी वेरिफाई डॉट कॉम’ के चीफ एक्जि़क्यूटिव ऑफिसर जुलियन डीसूजा का कहना है कि वैवाहिक वेबसाईट से लोग रिश्तों का चयन कर लेते हैं पर उसको लेकर वे आशंकित भी रहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि लड़के वाले या लड़की वाले अपने बारे में सही जानकारी नहीं देते। ऑनलाईन पोर्टल ‘शादी वेरिफाई डॉट कॉम’ सारी शंकाओं का समाधान करेगा। डिसूजा की कंपनी पिछले 20 वर्षों से देश की कई बड़ी कार्पोरेट कंपनियों के नव नियुक्ति कर्मचारियों के बारे में जानकारी जुटाने का काम करती है। वे बताते हैं कि, ‘अपने रिसर्च में हमने पाया कि मैट्रोमोनियल (वैवाहिक) वेबसाईट पर करीब 10 फीसदी लोग अपनी प्रोफाईल में गलत जानकारी देते हैं और कई बाते छिपाते हैं।’

डिसूजा बताते हैं  कि हम व्यक्ति कि वर्तमान वैवाहिक स्थिति, पिछली शादियां, मनोरंजन की आदतें, साथियों और पड़ोसियों के बीच प्रतिष्ठा, अपराधिक रिकॉर्ड, रोजगार की स्थिति, शराब-धूम्रपान की आदत, आय का अनुमान, धार्मिक पृष्ठभूमि आदि जानकारियां एकत्रित करते हैं। यह सेवा एशिया के सबसे बड़े रिस्क मैनेजमेंट सेवा समूहों में से एक एवं एंटी-काउंटरफीटिंग समाधानों, कॉर्पोरेट जालसाजी, फोरेंसिक जांच, प्राईवेट सिक्योरिटी गार्ड एवं बैकग्राउंड जांच सेवाओं में मार्केट लीडर, डिरिस्क ग्रुप द्वारा शुरु की गई है।

तकनीक से बढ़ा फर्जीवाडा
इस तरह की वेबसाईट बनाने के उद्देश्य की बाबत पूछने पर डिसूजा बताते हैं ‘टेक्नॉलॉजी की प्रगति एवं फोटोशॉप जैसे कंप्यूटर एप्लीकेशंस से न केवल नौकरी और शिक्षा के जाली सर्टिफिकेट बनाना आसान हो गया है, बल्कि लोग फोटोग्राफ में अपना रंग-रूप भी आसानी से बदल सकते हैं। शारीरिक जानकारियों को ज्यादा समय तक छिपाया नहीं जा सकता लेकिन प्रेम संबंध, धार्मिक विश्वास और आर्थिक स्थिति जैसी जानकारी को लम्बे समय तक छिपाकर रखा जा सकता है। आजकल नवविवाहितों के बीच यह आम हो गया है, कि उनका जीवनसाथी समलैंगिक होता है या वित्तीय रूप से उतना मजबूत नहीं होता, जितना बताया जाता है और इस बात का पता उन्हें लंबे समय तक नहीं लग पाता।’

डिसूजा का मानना है कि नियोजित वैवाहिक धोखाधड़ी में हुई बढ़ोतरी के कारण विवाहपूर्व जांच की जरूरत बहुत बढ़ गई है। ज्यादा से ज्यादा लोग पूरी उम्र के लिए एक बंधन में बंधने से पहले अपने भावी जीवनसाथी के बारे में किसी भी अनिश्चितता को दूर करने के लिए इस तरह की सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। वे बताते हैं कि हमें प्रतिदिन 25 से 30 कॉल आते हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और गूगल ने हमें एक आसान, सतही और मौलिक पड़ताल करने में समर्थ बना दिया है। लेकिन यह अपर्याप्त हैं।

तब बुजुर्गों के पास था समाज का सहारा
डिसूजा कहते हैं कि पहले जब रिश्ते आपसी जानपहचान से तय होते थे तब परिवार के बुजुर्ग लोग अपनी सामाजिक मंडली  के माध्यम से बैकग्राउंड जांच कर लेते थे। लेकिन आधुनिक शहरी जीवनशैली एवं ऑनलाईन पोर्टलों के विकास के कारण लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाना आसान हो गया है। ऐसी स्थित में शादी वेरिफाई डॉट कॉम जैसे उपाय जोखिम से बचाने में मददगार हो सकते हैं’

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