WB: विधानसभा में पास हुआ पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांगला करने का प्रस्ताव

WB: विधानसभा में पास हुआ पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांगला करने का प्रस्ताव

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-26 13:30 GMT
WB: विधानसभा में पास हुआ पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांगला करने का प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को राज्य का नाम बदलकर "बांग्ला" करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया। नाम बदलने के प्रस्ताव को केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। यदि गृह मंत्रालय प्रस्ताव से सहमत होता है तो पश्चिम बंगाल को "बांग्ला" के नाम से जाना जाएगा। राज्‍य सरकार के इस कदम का मकसद वर्णमाला क्रम में राज्‍य का नाम ऊपर लाना है जिसमें अभी पश्चिम बंगाल सबसे नीचे चल रहा है।

 

 


2011 से चल रहे नाम बदलने के प्रयास
पश्चिम बंगाल का नाम बदलने का प्रयास वर्ष 2011 से ही चल रहा है। 2011 में राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल को "पश्चिम बंगो" के रूप में नामित करने के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उसे ग्रीन सिग्नल नहीं मिला। इससे बाद 29 अगस्त 2016 में केंद्र सरकार को ये प्रस्ताव भेजा गया था। उस प्रस्ताव में अंग्रेजी में "बंगाल" बंगाली में "बांग्ला" और हिंदी में "बंगाल" नाम बदलने के लिए कहा था। हालांकि केंद्र ने इसे भी वापस कर दिया था। केंद्र ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव को लौटाया था कि राज्य सरकार एक ही नाम का प्रस्ताव भेजे, तीन भाषाओं में तीन नाम रखने का कोई तुक नहीं है। जिसके बाद राज्य विधानसभा ने राज्य का नाम सभी भाषाओं में बांग्ला करने का प्रस्ताव गुरुवार को भेजा।

क्या है नाम बदलने का कारण?
वेस्ट बंगाल शब्द अंग्रेजी के डबल्यू (W) अक्षर से शुरू होता है। इसके चलते चाहे 26 जनवरी पर राजपथ पर होने वाली परेड हो या केंद्र सरकार के साथ राज्य के मुख्यमंत्रियों की बैठक, हर जगह पश्चिम बंगाल का नंबर सबसे अंत में आता है। बांग्ला नाम कर देने से यू सूची में ऊपर आ जाएगा। सूत्रों की माने तो कई बार ममता बनर्जी को यह बात नागवार गुजरी है कि जब भी केंद्र सरकार की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में उनके राज्य की बारी आती है तो लोग ऊब चुके होते है या फिर उन्हें सुनने वाले को नहीं होता।

1905 में हुआ था राज्य का विभाजन
जुलाई 1905 में वाइसराय, लॉर्ड कर्ज़न द्वारा बंगाल को विभाजित करने की घोषणा के बाद 16 अक्टूबर 1905 को इसे 2 हिस्सों में पूर्वी बंगाल और पश्चिम बंगाल के रुप में विभाजित कर दिया गया था। 1947 में भारत के विभाजन के समय पूर्वी बंगाल पाकिस्तान का हिस्सा बन गया और पश्चिम बंगाल भारत का राज्य बना। बाद में 1971 में पाकिस्तानी सरकार से संघर्ष के बाद पूर्वी बंगाल बांग्लादेश नाम का स्वतंत्र देश बन गया। अब बांग्ला नाम कर देने से बंगाल अपने इतिहास के करीब पहुंच जाएगा।

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