कोरोना से जान गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों के लिए क्या है मुआवजा नीतिः हाईकोर्ट
कोरोना से जान गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों के लिए क्या है मुआवजा नीतिः हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि क्या उसके पास कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए कोई नीति है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने यह निर्देश केतन तिरोडकर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया।
याचिका में स्वास्थ्यकर्मिंयों के परिजनों को मुआवजा देने के साथ ही कोरोना संक्रमितों के इलाज के दौरान जान गवानेवाले डॉक्टरों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की गई है। इस दौरान खंडपीठ ने मामले को लेकर राज्य सरकार की ओर से दायर किए गए हलफनामे पर अप्रसन्नता व्यक्त की और पूछा कि क्या कोरोना संक्रमण के चलते जान गवाने वाले योद्धाओं के परिजनों के मुआवजे के लिए राज्य सरकार की कोई नीति अथवा कानून हैं? राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि कोरोना ड्यूटी पर लगे सभी स्वास्थ्य कर्मियों को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा स्कीम के तहत सुरक्षा दी गई है। खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि राज्य सरकार याचिका में मुआवजे के विषय में उठाए गए मुद्दे पर रुख स्पष्ट करे। मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी गई है।