अफवाह फैलाने के आरोप में ग्रुप एडमिन समेत 3 गिरफ्तार, वैढ़न पुलिस ने की कार्रवाई

अफवाह फैलाने के आरोप में ग्रुप एडमिन समेत 3 गिरफ्तार, वैढ़न पुलिस ने की कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-02 12:41 GMT
अफवाह फैलाने के आरोप में ग्रुप एडमिन समेत 3 गिरफ्तार, वैढ़न पुलिस ने की कार्रवाई


डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढ़न)। सोशल मीडिया पर भ्रामक मैसेज वायरल करने के आरोप में पुलिस ने वाट्सएप के एक ग्रुप एडमिन समेत दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। कार्रवाई वैढ़न पुलिस द्वारा गत 30 जुलाई को वाट्सएप ग्रुप इबल ऑफ ऊर्जांचल पर वायरल हुये एक मैसेज को लेकर की गई। बताया जाता है इस मैसेज में वैढ़न थाना क्षेत्र के खुटार में ग्रामीणों द्वारा एक व्यक्ति से मारपीट करने और लिंग काटना बताया गया था। फिर क्या था वाट्स एप ग्रुपों में इस मैसेज को देखकर कुछ लोगों ने इसे बाकी के ग्रुपों में फारवर्ड करना शुरू कर दिया।

जब इसकी सूचना वैढ़न पुलिस के पास पहुंची, तब वह हरकत में आयी और वायरल होते मैसेज की सत्यता की पड़ताल की। तब पता चला कि यह मैसेज गलत है और इसके बाद पुलिस यह भ्रामक मैसेज वायरल करने वाले ग्रुपों के सदस्यों की खोजबीन में जुट गई। खोजबीन पुलिस ने मैसेज फारवर्ड करने वाले राजा उर्फ गुलामरजा को पकड़ा और उससे पूछताछ की। तब सीधी के बहरी निवासी एक व्यक्ति राजेश द्विवेदी का नाम सामने आने पर पुलिस ने उसे गिरफ्त में लिया।

इसके साथ पुलिस ने उस ऊर्जांचल नाम के ग्रुप के एडमिन सुरेन्द्र द्विवेदी को भी पकड़ा है, जिसके ग्रुप में यह भ्रामक मैसेज वायरल हुआ है उसके द्वारा पुलिस को इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई। पुलिस ने भ्रामक मैसेज वायरल करने वाले दोनों ग्रुप सदस्यों राजा और राजेश समेत एडमिन सुरेन्द्र के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। कार्रवाई करने वाले पुलिस कर्मियों में एएसआई अबू समन खान, अरविंद चौबे, पिंअू राय, संजय परिहार व श्यामसुंदर वैश्य अहम भूमिका में रहे। 

इनका कहना है
ऐसे भ्रामक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के साथ एडमिन के खिलाफ भी कार्रवाई तय है। इसलिये जितना हो सके एडमिन अपने ग्रुपों में वायरल सर्कुलेट होने वाले मैसेजों पर विशेष ध्यान रखें और कोई भी आपत्तिजन मैसेज उनके ग्रुप में शेयर अगर किया जाता है तो तत्काल स्थानीय पुलिस या साइबर समिति को सूचित करें। ऐसा नहीं करने पर ग्रुप एडमिन भी दोषी की श्रेणी में आयेगा। ग्रुपों के सदस्य भी ध्यान रखें कि किसी भी मैसेज की सत्यता प्रमाणित होने के बाद ही उसे फारवर्ड करें।
- मनीष त्रिपाठी, टीआई वैढ़न 

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