हाईकोर्ट का सवाल- भीड़ द्वारा हिंसा में मारे गए युवक के परिजन को कब मिलेगा मुआवजा

हाईकोर्ट का सवाल- भीड़ द्वारा हिंसा में मारे गए युवक के परिजन को कब मिलेगा मुआवजा

Tejinder Singh
Update: 2018-11-28 14:46 GMT
हाईकोर्ट का सवाल- भीड़ द्वारा हिंसा में मारे गए युवक के परिजन को कब मिलेगा मुआवजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने धर्मिक दंगो के दौरान भीड़ द्वारा हिंसा के दौरान मारे गए युवक के परिजनों मुआवजे को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।  हाईकोर्ट ने सरकार से जानना है कि वह युवक के परिजनों को कब तक मुआवजा प्रदान करेगी?अदालत ने पूछा कि क्या राज्य सरकार के पास मुआवजे को लेकर कोई योजना है? मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने भीड़ द्वारा की गई हिंसा के दौरान मौत का शिकार हुए युवक के पिता मोहम्मद सादिक शेख की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। याचिका में मांग की गई है कि अंतरिम राहत के रुप में सरकारी योजना के तहत निर्धारित मुआवजे भुगतान का सरकार को निर्देश दिया जाए। 

 याचिका में शेख ने कहा है कि मई 2014 में फेसबुक में छत्रपति शिवाजी महराज,शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे व संभाजी महराज पर आपत्ति जनक पोस्ट किए गए थे। जिसके चलते पुणे में काफी सांप्रदायिक तनाव था। तभी शेख का बेटा मोहसिन पुणे में रात के वक्त कही जा रहा था। इस दौरान हिंदु राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं ने शेख के बेटे की जमकर पीटाई कर दी। इस घटना के बाद शेख के बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में शेख की बेटे की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपियो के खिलाफ मामला दर्ज किया। 

बेटे की मौत के बाद शेख ने आतंकी हमला,नक्सली हमले व धार्मिक दंगों में मारे गए लोगों को मुआवजा देने के लिए बनाई गई योजना के तहत मुआवजे के लिए आवेदन किया। मुआवजे के लिए बनाई गई कमेटी ने भी शेख के मुआवजे के लिए पात्र पाया। फिर भी काफी समय बीत जाने के बाद जब उन्हें मुअावजा नहीं मिला तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि आखिर याचिकाकर्ता को कब तक मुआवजा दिया जाएगा।

सहायक सरकारी वकील मनीष पाबले ने कहा कि राज्य सरकार ने भी अपनी योजना के तहत शेख को मुआवजे के लिए पात्र माना है। इस संबंध में एक शासनादेश भी जारी किया गया है जिसके तहत याचिकाकर्ता को दस लाख रुपए के मुआवजे के लिए पात्र माना गया है। लेकिन मुआवजा अभी तक क्यों नहीं मिला है इसको लेकर उन्हें निर्देश लेने पड़ेगे? इसके वक्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।

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