रीवा पहुंचे व्हाइट टाइगर और बब्बर शेर - उद्योग मंत्री ने किया दो बाड़ों का लोकार्पण

रीवा पहुंचे व्हाइट टाइगर और बब्बर शेर - उद्योग मंत्री ने किया दो बाड़ों का लोकार्पण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-06 11:33 GMT
रीवा पहुंचे व्हाइट टाइगर और बब्बर शेर - उद्योग मंत्री ने किया दो बाड़ों का लोकार्पण

डिजिटल डेस्क  रीवा । तेरह घंटे के सफर के बाद बब्बर शेर और व्हाइट टाइगर का जोड़ा आज सुबह अपने नए आशियाने मुकुंदपुर चिडिय़ाघर में पहुंच गया। पूरा समय तक आराम देने के बाद दोनों जोड़ों को अलग-अलग नाइट हाउस में छोड़ दिया गया। चिडिय़ाघर में उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने दोनों जोड़ों की आगवानी कर दो नए बाड़ों का लोकार्पण किया।
इस मौके पर उद्योग मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मुकुंदपुर चिडिय़ाघर अब ऐसा हो गया  जहां लोग व्हाइट टाइगर के साथ बब्बर शेर को भी देखने का आनंद उठा सकेंगे। यह देश की इकलौती सफारी होगी जहां व्हाइट टाइगर के साथ बब्बर शेर भी भ्रमण करेगा। उन्होंने कहा कि आज यहां दो नए बाड़ों का लोकार्पण किया गया है लेकिन यहां 39 बाड़े बनाए जा रहे हैं। जिसमें 492 वन्य प्राणियों को रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी को बेहतर बनाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। अब यहां यह प्रयास होगा कि यहां की व्हाइट टाइगर सफारी देश की उत्कृष्ट सफारी बन सके। इस मौके पर सांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि यह विंध्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। श्री शुक्ल का सपना विंध्य में व्हाइट टाइगर वापस लाने का था जो पूरा हो गया है। श्री शुक्ल पर्यावरण को लेकर चेतना के प्रतीक हैं। पर्यावरण के लिए भी उन्होंने काफी काम किया है।  
सुबह साढ़े सात बजे पहुंचा जोड़ा
बब्बर शेर और व्हाइट टाइगर का जोड़ा आज सुबह सात से साढ़े सात बजे के बीच मुकुंदपुर चिडिय़ाघर पहुंचा। बिलासपुर के कानन पिंडारी से इन जोड़ों को गुरुवार की शाम साढ़े छ : बजे रवाना किया गया था। मसलन यहां पहुंचने में जोड़ों को समय लगा। कानन पिण्डारी से रवाना होने के बाद विभागीय टीम ने हर दो घंटे के बाद टाइगर को आराम दिया और चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया।
पुराने नामों से ही पुकारे जाएंगे नए मेहमान
मुकुंदपुर चिडिय़ाघर में आज पहुंचे नए मेहमानों को पुराने नामों से ही पुकारा जाएगा। बिलासपुर के कानन पिण्डारी से लाए गए मेल लायन का नाम शिवा रखा गया था जबकि फीमेल लायन को जैस्मीन के नाम से पुकारा जाता है। इसी तरह भिलाई के मैत्री बाग से लाए गए मेल व्हाइट टाइगर को गोपी और फीमेल व्हाइट टाइगर को सुमन का नाम दिया गया है। इन चारों को यहां उनके पुराने नामों से ही पुकारा जाएगा।
 सिर्फ डेढ़ साल की है सुमन
आज यहां लाए गए चारों टाइगर में सबसे कम उम्र मैत्री बाग से लाई गई फीमेल व्हाइट टाइगर सुमन की है। सुमन मात्र डेढ़ साल की है। जबकि कानन पिण्डारी से यहां लाई गई फीमेल लायन जैस्मीन की उम्र ढाई साल है। मैत्री बाग के मेल व्हाइट टाइगर शिवा और कानन पिण्डारी के मेल लायन की उम्र क्रमश : साढ़े चार- साढ़े चार साल है। कुल मिलाकर इनमें से कोई उम्र दराज नहीं है।
दिन में पानी, शाम को भोजन
तेरह घंटे के सफर के बाद यहां पहुंचने पर चारो टाइगर थकान का अनुभव कर रहे थे। नए स्थान  होने की वजह से वह अपने आपको सहज भी महसूस नहीं कर पा रहे थे जिसकी वजह से चिडिय़ाघर प्रबंधन ने पिंजड़े में ही कुछ समय आराम देने के बाद चारों टाइगर को अलग-अलग नाइट हाउस में पहुंचा दिया। दिन में उन्हें सिर्फ पानी दिया गया। शाम  को चारों टाइगर को भोजन के रूप में मांस दिया जाएगा। मैत्री बाग एवं कानन पिण्डारी राष्ट्रीय उद्यान से अधिकारियों को जो डाइट चार्ट दिया गया है उसके अनुसार मेल लायन शिवा को 6 से 8 किलो और मेल व्हाइट टाइगर गोपी को 6 से 7 किलो के आसपास मांस दिया जाएगा जबकि जैस्मीन एवं सुमन को 4-4 किलो मांस भोजन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
आधे घंटे पिंजरे से बाहर नहीं आया गोपी
चारों नए मेहमानों में से मेल व्हाइट टाइगर गोपी ने पिंजरे से बाहर निकलने में सबसे अधिक समय लगाया। चिडिय़ाघर प्रबंधन ने सभी टाइगर के पिंजरे नाइट हाउस के सामने रख दिए। नाइट हाउस का दरवाजा खुला हुआ था। गोपी लगभग आधे घंटे पिंजरे में ही बैठा रहा। दरअसल नए माहौल एवं वातावरण को देख गोपी को कुछ समय के लिए भयभीत रहा। हालांकि आधे घंटे बाद गोपी पिंजरे से बाहर निकला और नाइट हाउस में चला गया जबकि तीनों अन्य टाइगर को पिंजरे से नाइट हाउस में पहुंचाने के लिए 10 से 15 मिनट का समय लगा।
 चारों टाइगर को सुरक्षित यहां लाया गया है। लंबा सफर होने की वजह से उन्हें अभी थकान है। जिस पर उन्हें आराम करने दिया गया। लगभग दो से तीन महीने तक चारों नए टाइगर को निगरानी में रखा जाएगा।
संजय राजवाड़े, डायरेक्टर मुकुंदपुर जू

 

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