अल्पसंख्यक आयोग पर बौद्ध समाज का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं?

हर्षबोधि महास्थवीर का सवाल अल्पसंख्यक आयोग पर बौद्ध समाज का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं?

Anita Peddulwar
Update: 2021-10-09 15:08 GMT
अल्पसंख्यक आयोग पर बौद्ध समाज का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं?

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। बुद्धिस्ट  ने राज्य अल्पसंख्यक आयाेग का गठन किया है, लेकिन इस आयोगों पर एक भी बौद्ध समाज के व्यक्ति का चयन नहीं किया गया है। यह समाज बड़े पैमाने में होने के बावजूद बौद्ध समाज अल्पसंख्यक होने के बावजूद उन्हें सरकारों की ओर से पूरा हक क्यों उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष भदंत हर्षबोधि महास्थवीर की मौजूदगी में रविवार, 10 अक्टूबर को पुणे में हक परिषद का आयोजन किया गया है, जिसमें वे मार्गदर्शन करेंगे। कार्यक्रम में जाने से पहले शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भदंत हर्षबोधी महास्थवीर ने कहा कि मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी यह छह समाज को अल्पसंख्यक में शामिल किया गया है। अल्पसंख्यक आयोग का गठन यह समुदाय के हितों की रक्षा के लिए गया है। कहा कि उन्हें आरक्षण की बिलकुल जरूरत नहीं है। उससे ज्यादा सरकार अल्पसंख्यकों के हक दिलाए। अब तक अल्पसंख्यक के जरिए हक नहीं मिलने से हमारे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और श्मशानभूमि नहीं है। हक के लिए कुछ माह पहले बुद्धिस्ट अल्पसंख्यक संवैधानिक भिक्खु संघ बनाया गया है। इंसाफ मिलने के लिए संघ के जरिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की जाएगी। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने बौद्धमय भारत का निर्माण करने का सपना देखा था। उसे पूरा करने कार्यक्रमों में बौद्ध समाज को मार्गदर्शन किया जा रहा है। आरोप लगाया कि मुस्लिम, सिख समाज को सरकार सहूलियत दे रही है, लेकिन उस तुलना में बौद्ध समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है।

आचरण से नहीं, कानूनन बनाया जाए बौद्ध  
भदंत हर्षबोधी महास्थवीर ने कहा कि जनगणना में बौद्ध समाज की संख्या कम है। मांग की कि नवबौद्ध को कानून से बौद्ध बनाया जाए। यह लोग आचरण से बाैद्ध हैं, लेकिन कानून से नहीं है। सरकार के बौद्ध समाज की ओर अनदेखी करने से विकास नहीं हुआ। उनका कहना था कि आगामी दिनों में बुद्धिस्ट अल्पसंख्यक संवैधानिक भिक्खु संघ राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। इस संघ के संपूर्ण राज्यों में कार्यालय स्थापित कर राज्यों के प्रमुख बनाए जाएंगे। संघ के जरिए इसका उद्देश्य संपूर्ण भिक्खू संघ को जोड़ना है। औरंगाबाद की जिम्मेदारी भदन्त खंतिको पर सौंपी गई है। संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भदन्त करुणाबोधी महाथेरो (चंद्रपुर), राष्ट्रीय महासचिव भदन्त शाक्यपुत्र सागरथेरो (भोपाल, मध्यप्रदेश) समेत अन्य उपस्थित थे।

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