210 करोड़ से होगा पुराना भंडारा रोड का कायाकल्प

210 करोड़ से होगा पुराना भंडारा रोड का कायाकल्प

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-08 04:58 GMT
210 करोड़ से होगा पुराना भंडारा रोड का कायाकल्प

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुराना भंडारा रोड निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है इसके साथ ही  मेयो हॉस्पिटल से सुनील होटल तक प्रस्तावित पुराना भंडार रोड की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। इस सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने अपनी तिजोरी से निधि देने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मार्ग निधि 2018-19 में योजना अंतर्गत 20 जुलाई 2017 को इसे मंजूरी प्रदान की गई है। हालांकि पत्र में निधि का उल्लेख नहीं है, लेकिन 210 करोड़ रुपए की लागत से इस सड़क का निर्माण किया जाएगा। सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग (पीडब्ल्यूडी) के जरिये यह काम   होगा। पीडब्ल्यूडी द्वारा पिछले दिनों मनपा गांधीबाग जोन को लिखे पत्र में इसका खुलासा किया गया है। हालांकि मार्ग निर्माण में आ रही बाधाओं का भी पत्र में जिक्र किया गया है। पत्र में कहा गया है कि सड़क निर्माण सीमा में पक्के निर्माणकार्य और मलबा हटाने का काम अभी तक पूरा नहीं किया गया है। सड़क निर्माणकार्य के लिए रास्ता पूरी तरह मुक्त कर उसे पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित किया जाए। 

डीएम तय करेंगे मुआवजा
जमीन हस्तांतरण नहीं होने से निविदा प्रक्रिया में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन मनपा की अपनी मजबूरियां हैं। सिटी सर्वें विभाग ने पुराना भंडारा मार्ग की मार्किंग कर किसकी कितनी जमीन जा रही है, इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को भेज दी है। अब जिलाधिकारी कार्यालय को यह तय करना है कि किसे कितना मुआवजा देना है। किसे टीडीआर देना है और किसे एफएसआई बढ़ाकर देंगे। हालांकि अब तक यह निर्णय नहीं होने से मनपा भी आगे की कोई प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रही है, जिस कारण पुराना भंडारा रोड भी सरकारी प्रक्रियाओं में फंस गया है। 

नकद पर फंसा पेंच
गौरतलब है कि लगभग तीन दशक से पुराना भंडारा मार्ग का काम प्रस्तावित है। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद बड़ी मुश्किल से पिछले साल इस मार्ग की मार्किंग शुरू हो पाई। मध्य नागपुर विभाग आघाड़ा के अध्यक्ष भूषण दड़वे की इसमें अहम भूमिका रही है। पिछले साल अगस्त में मनपा व सिटी सर्वे विभाग ने कई दिन तक इस मार्ग पर सेंट्रल मार्किंग की। इसके बाद लोगों की जगह गिनी गई और तय किया गया कि किसकी कितनी जगह इस सड़क में जाएगा। लगभग 60 फीट चौड़ा यह मार्ग बनेगा। करीब 497 लोग इससे प्रभावित होंगे। करीब महीना भर चली इस प्रक्रिया के बाद मनपा द्वारा यह रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को भेजे जाने की जानकारी है।

अब जिलाधिकारी कार्यालय को तय करना है कि अधिगृहीत की जाने वाली जमीन का क्या मुआवजा दिया जाएगा। उसे टीडीआर के रूप में दिया जाएगा या फिर एफएसआई बढ़ाकर। हालांकि कुछ लोग यहां नगद राशि की भी मांग कर रहे हैं। ऐसे में पेंच फंस गया है। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा इस पर निर्णय नहीं लेने से मनपा को भी यह जमीन पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित करने में दिक्कतें आ रही हैं। इस बीच पीडब्ल्यूडी ने मनपा गांधीबाग जोन को पत्र जारी कर त्वरित जमीन हस्तांतरण करने की मांग की है। उसका कहना है कि जमीन हस्तांतरण नहीं होने से निविदा प्रक्रिया अटकी है। 

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