पुरुषों की मदद कर महिलाएं चला सकती हैं गृहस्थी की गाड़ी 

पुरुषों की मदद कर महिलाएं चला सकती हैं गृहस्थी की गाड़ी 

Tejinder Singh
Update: 2019-01-13 11:32 GMT
पुरुषों की मदद कर महिलाएं चला सकती हैं गृहस्थी की गाड़ी 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महंगाई के इस दौर में पुरुष मात्र के व्यवसाय या नौकरी से गृहस्थी अच्छी तरह नहीं चल पाती है। नौकरी मिलना भी कठिन हो गया है। महिलाओं को प्रकृति ने विविध कौशल दिया है, जिसका उपयोग कर नौकरी व व्यवसाय कर गृहस्थी की गाड़ी अच्छी तरह चलाने में पुरुषों की मदद कर सकती हैं। व्यवसाय के जरिये वे अन्य को नौकरी भी दे सकती हैं। यह बात महिला उद्योजिका मेले के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कांचन गडकरी ने कही। नागपुर महानगरपालिका के महिला व बाल कल्याण समिति व समाज कल्याण विभाग द्वारा रेशमबाग मैदान में समृद्धि उत्सव अंतर्गत मेला का आयोजन किया गया।

मेले के समापन पर स्टॉल्स पर उमड़ी भीड़
उद्योजिका मेले के समापन अवसर शहरवासियों की भारी संख्या में भीड़ रेशमबाग मैदान में नजर आई। मेले में 300 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें ज्वेलरी, हाथ से बनी वस्तुएं आदि शामिल रहीं। इसके साथ ही महिला बचत गट, दिव्यांग महिलाओं के  बचत के साथ स्वरोजगार सक्षमीकरण के विविध स्टॉल भी लगाए गए।  समापन अवसर पर महापौर नंदा जिचकार, अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने विभिन्न स्टॉलधारकों से भेंट की।  

लावणी ने मचाई धूम
समापन अवसर पर दिन भर महिलाओं की विविध स्पर्धाएं तथा कार्यशालाएं आयोजित की गईं। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की धमाकेदार प्रस्तुति ने समापन को रंगीन बनाया। धूम मचाने वाली लावणी की प्रस्तुति ने सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया। 

स्वरोजगार का रास्ता मिला है
कांचन गडकरी ने कहा कि मनपा द्वारा आयोजित महिला उद्योजिका मेला द्वारा पिछले दस वर्ष में महिलाओं को स्वरोजगार का रास्ता मिला है। जो सराहनीय है। मंच पर वैशाली कोहले, शोभा  व्यास, महिला व बाल कल्याण समिति की  सभापति प्रगति पाटील, उपसभापति विशाखा मोहोड,  सदस्य दिव्या धुरडे, सरिता कावरे, उपायुक्त डॉ. रंजना लाडे, हनुमान नगर जोन सभापति रूपाली ठाकुर, नेहरू नगर जोन सभापति रीता मुले, गांधीबाग जोन सभापति वंदना येंगटवार, मंगलवारी जोन सभापति संगीता गिऱ्हे, आसी नगर जोन सभापति वंदना चांदेकर, सत्ता पक्ष उपनेता वर्षा ठाकरे, नगरसेविका वैशाली नारनवरे, मनीषा अतकरे, स्वाति आखतकर, शीतल कांबले, पूर्व  नगरसेविका नीलिमा  बावने उपस्थित थीं। 

महिलाओं का सम्मान
महिला उद्योजिका मेला में प्रतिदिन विविध क्षेत्रों में कर्तव्यवान महिलाओं का सम्मान किया गया। इसी श्रृखंला में शनिवार को फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवाली देशपांडे, उद्योजिका प्रतीक्षा पटवारी, गौरी रंगनाथ, सामाजिक समरसता मंच में पिछले 25 वर्ष से कार्यरत माया गायकवाड़, शारदा सुरेश, शिक्षण क्षेत्र में महिलाओं के लिए काम करने वाली सुचेता मेश्राम, रूही अफजल, सची मलिक, रितेश भोयर, पूर्व महापौर बैरणबाई के साथ मेले में स्टॉल लगाने वाले नीति फाउंडेशन दिव्यांग  स्टॉल के  निर्मल घोडेस्वार, नागपुर मध्यवर्ती कारागृह स्टॉल के  गजानन चोपडे, प्रतिभा कोल्हे, रीता भोंडे, सुजाता मोकलकर आदि को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा महिला सशक्तिकरण की मशाल प्रज्वलित कर किया गया। इसके बाद ‘जागर महिलांच्या जाणीवांचा, सावित्रीच्या लेकीचा’ संदेश  देता हुआ ‘बलून’ आकाश में छोड़ा गया। संचालन स्मिता खनगई ने किया। 

राष्ट्र की महानता नागरिकों के सदाचार पर निर्भर है : न्या. रुमा पाल
वहीं सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रुमा पाल ने कहा कि राष्ट्र की महानता संसद पर निर्भर न होकर राष्ट्र के नागरिकों के सदाचार पर निर्भर होती है। न्या. पाल राष्ट्रीय विधि विद्यापीठ की ओर से देशपांडे सभागृह में एसएम दौड़ स्मृति के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यानमाला फ्रीडम आॅफ रिलिजन अंडर द काॅिन्सट्यूशनल विषय पर बोल रही थीं। अध्यक्षता न्या. वी. एस. शिरपुरकर ने की। उन्होंने कहा कि धारा 25 (1) के मुताबिक नागरिक को उसके धर्म का अमल व प्रसार करने की आजादी है। भारत यह धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है।  एससी, एसटी आयोग के सदस्य सी.एल. थुल ने न्या. एस. एम. दौड़ के जीवन पर प्रकाश डाला। न्या. शिरपुरकर ने व्याख्यानमाला के विषय को वर्तमान स्थिति में जरूरी माना। प्रास्ताविक कुलगुर डा. विजेंदर कुमार ने किया। इस दौरान "कंटेम्पररी लॉ एंड पालिसी रिव्यू" किताब का िवमोचन किया गया।  मूट कोर्ट प्रतियोगिता के विजेता टीम का सत्कार किया गया। मंच पर  प्रमुखता से कुमकुम शिरपुरकर, निबंधक रमेश कुमार चामर्ती उपस्थित थे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में राष्ट्रीय विधि विद्यापीठ के विद्यार्थी उपस्थित थे। 
 

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