कोर्ट ने कहा-पहले से बाॅयफ्रेंड हाेना किसी अौर को नहीं देता रेप का अधिकार
कोर्ट ने कहा-पहले से बाॅयफ्रेंड हाेना किसी अौर को नहीं देता रेप का अधिकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। किसी भी महिला के पुरुष मित्र(बॉय फ्रेंड) हो सकते है, लेकिन महिला को यौन रूप से प्रताड़ित करने का अधिकार पुरुष काे नहीं है। बाॅम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि महिला को न कहने का अधिकार है। यह बात पास्को कानून के तहत अपनी भतीजी के साथ रेप करने के मामले में दोषी पाए गए आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए कही है। जस्टिस एएम बदर ने आरोपी के इस तर्क को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता लड़की के पहले से दो बायफ्रेंड है। जिनके साथ उसके संबंध है।
जस्टिस ने कहा कि किसी महिला के साथ किसी के संबंध है आरोपी इसका फायदा नहीं उठा सकता है। महिला को न कहने का पूरा अधिकार है। जस्टिस ने कहा कि इस मामले में हम मान भी ले कि शिकायतकर्ता लड़की के बायफ्रेंड थे। लेकिन यह आरोपी को उसके साथ संबंध बनाने का अधिकार नहीं देता है। जस्टिस ने कहा कि पीड़िता के साथ जब रेप किया गया तो उसकी उम्र इतनी नहीं थी कि वह संबंध बनाने की सहमति दे सके। पीड़िता ने अपने बयान में साफ तौर पर कहा है कि आरोपी ने उसके साथ कई बार रेप किया है।
गौरतलब है कि मामले में आरोपी को नाशिक के पास्को कानून के तहत 2016 में दोषी ठहराते हुए दस साल के कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद आरोपी ने जमानत देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन किया था। आवेदन में आरोपी ने कहा था कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। इसलिए उसे जमानत दी जाए। क्योंकि वह अपने घर में अकेला कमानेवाला है। आरोपी ने आवेदन में कहा था कि पीड़ित लड़की ने तुरंत रेप के मामले को लेकर शिकायत नहीं दर्ज कराई है। इसके अलावा जब उसे सुधारगृह में भेजा गया था तब भी उसने अपराध का खुलासा नहीं किया था। यह दर्शाता है कि पीड़िता के साथ रेप नहीं हुआ है।
जस्टिस ने आरोपी की ओर से आवेदन में दिए गए तर्को को अस्वीकार करते हुए आरोपी की सजा पर रोक लगाने अथवा जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस ने कहा कि आरोपी पर काफी गंभीर आरोप है। और पूरे मुकदमे की सुनवाई के बाद उसे सजा सुनाई गई है। लिहाजा हम उसके जमानत देने के आग्रह पर विचार नहीं कर सकते है।