बेटे की चाह में हुईं दस बेटियां, मिन्नतों के बाद नसंबदी के लिए राजी

बेटे की चाह में हुईं दस बेटियां, मिन्नतों के बाद नसंबदी के लिए राजी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-19 05:22 GMT
बेटे की चाह में हुईं दस बेटियां, मिन्नतों के बाद नसंबदी के लिए राजी

डिजिटल डेस्क,गुना। भारत में आज भी बेटे की चाह में लड़कियों को मार दिया जाता है। टेक्नोलॉजी एडवांस हो गई है तो लोग "सेक्स" की चोरी-छुपे जांच करवा कर भ्रूण की हत्या कर देते हैं। बेटे की चाह में मां बाप हत्यारे बनने से गुरेज नहीं करते। कई तो हत्या से बचने के लिए परिवार में इतनी लंबी कतार खड़ी कर देते हैं कि मां-बाप खुद ही अपने बच्चों के नाम याद नहीं रख पाते। मध्य प्रदेश के गुना जिले के क गांव में कुछ इसी तरह का मामला सामने आया हैं, जहां सिर्फ बेटे के लिए 10 बेटियां का कतार खड़ी कर दी गई, लेकिन फिर भी बेटे ने जन्म नहीं लिया। 

10 बेटियों की मां का बेटे के लिए मोह इस कदर था कि नसबंदी के लिए उसकी काउंसलिंग कराई गई। काउंसलिंग के बाद वो बमुश्किल नसबंदी ऑपरेशन के लिए तैयार हुई। इतनी संतानों को जन्म देने के बाद उसकी हालत फिलहाल ऐसी नहीं है कि उसका नसबंदी ऑपरेशन किया जा सके। महिला गुना शहर के नजदीकी गांव की रहने वाली है। उसकी 9 बेटियां पहले से हैं।

10वीं डिलीवरी के बाद भी नसबंदी के लिए राजी नहीं थी महिला

शुक्रवार को जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में जब उसकी 10वीं डिलीवरी में बेटी ने जन्म लिया तो, डॉक्टर्स हैरान रह गए कि इतने बच्चों के बावजूद वो नसबंदी नहीं करवा रही है। काफी समझाने पर भी वो अब भी नसबंदी के लिए नहीं मान रही थी। महिला का नाम अनीता है और वो राजस्थान से आई है। उसकी मां ने बताया कि वो पांचवी तक पढ़ी है। कई बार समझाया भी, इतने बच्चे पैदा मत करो, लेकिन कहती है एक बार बेटे का मुंह देखना चाहती हूं। उसकी दो बड़ी बेटियों की शादी हो चुकी है, जो अस्पताल में उसके हाल-चाल जानने पहुंचीं। पति खेती और मजदूरी करता है। उसका कहना है कि वो अपनी सभी बेटियों को ठीक से पाल रही है और अब नवजात को भी पालेगी।

शुक्रवार को डीपीएचएनओ ई. थॉमस भी उससे मिलने पहुंचीं और बेटा-बेटी में अंतर न करने और जल्द ऑपरेशन कराने समझाइश दी। पीसीपीएनडीटी प्रभारी ई. थॉमस ने बताया स्वस्थ और सुखी परिवार के लिए 2 बच्चों के बाद ऑपरेशन करा लेना चाहिए। दूसरे बच्चे के जन्म के तुरंत बाद भी ऑपरेशन हो सकता है। इस दौरान महिला को कानूनी रूप से किसी परिजन यहां तक की पति तक की सहमति की जरूरत नहीं है। वो स्वयं ये निर्णय ले सकती है।

महिला की सभी डिलीवरी नॉर्मल हुई हैं, लेकिन फिलहाल महिला की हालत ऐसी नहीं कि उसका नसबंदी ऑपरेशन किया जा सके। हालांकि महिला ने अब समझाइश के बाद ऑपरेशन के लिए हां कर दी है। 

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