तीन चुनावों में बाद बढ़ा महिला मतदाताओं का प्रमाण, 2014 में 1000 पुरुषों की तुलना में थी 889

तीन चुनावों में बाद बढ़ा महिला मतदाताओं का प्रमाण, 2014 में 1000 पुरुषों की तुलना में थी 889

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-15 05:23 GMT
तीन चुनावों में बाद बढ़ा महिला मतदाताओं का प्रमाण, 2014 में 1000 पुरुषों की तुलना में थी 889

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछले तीन लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। 2014 में पुरुष और महिला मतदाताओं का अलग-अलग नामांकन नहीं किया गया था। उस वर्ष कुल 3 करोड़ 42 लाख 63 हजार 317 मतदाताओं का नामांकन हुआ था। जबकि 2009 व 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं का पंजीकरण कम था। 

लेकिन अब 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले हुए मतदाता नामांकन में महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में 1 हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या 925 है। जबकि वर्ष 2014 की मतदाता सूची में महिला मतदाताओं का प्रमाण 1 हजार पुरुषों की तुलना में 889 ही था। लेकिन अब 2019 में यह प्रमाण 1 हजार पुरुषों की तुलना में 911 तक पहुंच गया है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने स्वीप कार्यक्रम शुरु किया था। 

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ाना था। इसके लिए आंगनवाडी सेविका, आशा कर्मचारी, महिला बचत गट व गैर सरकारी संस्थाओं की मदद ली गई थी। फिलहाल राज्य में कुल 8 करोड़ 73 लाख 30 हजार 484 मतदाताओं में से 4 करोड़ 57 लाख 2 हजार 579 पुरुष और 4 करोड़ 16 लाख 25 हजार 819 महिला मतदाता हैं।

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