विश्व की सबसे छोटी महिला ज्योति आमगे ने किया योग

विश्व की सबसे छोटी महिला ज्योति आमगे ने किया योग

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-21 07:41 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विश्व की सबसे छोटे कद की महिला ज्योति आमगे ने भी योग किया। ज्योति आमगे ने इंटरनेशनल योग प्लेयर धनश्री लेकुरवाले के आंबेडकर गार्डन अन्नपूर्णा होटल के सामने सीए रोड में  योग किया। ज्योति आमगे का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स और गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इनका जन्म नागपुर में 16 दिसम्बर 1993 को हुआ था। 18वें जन्मदिन पर दुनिया की सबसे छोटी महिला के रूप में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। 

आंतरिक तत्वों के लिए जरूरी
योगासन और श्वास तकनीक में, ध्यान के आंतरिक अनुभव पर अधिक जोर दिया जाता है, क्योंकि मन के स्वास्थ्य और मानव अस्तित्व से जुड़े अन्य छिपे हुए तत्वों के लिए यह जरूरी है।  

प्राणायाम और ध्यान
सांस का नियंत्रण और विस्तार करना ही प्राणायाम है। सांस लेने की उचित तकनीकों का अभ्यास रक्त और मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन देने के लिए, अंततः प्राण या महत्वपूर्ण जीवन ऊर्जा को नियंत्रित करने में मदद करता है। प्राणायाम तकनीक हमें ध्यान का एक गहरा अनुभव प्राप्त करने हेतु भी तैयार करती है।

इन लोगों ने बीमारियों पर नियंत्रण

90 प्रतिशत लकवा हुआ ठीक
गणेश अवस्थी एवं सुशीला अवस्थी दोनों पति-पत्नी नियमित रूप से योग करते हैं। गणेश ने बताया कि लकवाग्रस्त होने से वे दुकान पर भी नहीं बैठ पाते थे। जब योग करना शुरू किए, तो काफी आराम मिला। अब वे 8 घंटे तक लगातार दुकान में बैठ पाते हैं। योग आसन करने से उनका 90 प्रतिशत लकवा ठीक हो गया। पत्नी  सुशीला अवस्थी को चलने-फिरने में  काफी तकलीफ होती थी लेकिन अब वह 1 किलोमीटर तक पैदल आराम से घूम सकती हैं। घर काम भी पहले के मुकाबले बगैर थकावट के आसानी से कर पाती हैं।- गणेश अवस्थी, सुशीला अवस्थी

दर्द के लिए खाता था दवा
सेल्स ऑफिसर होने के कारण मेरा फील्ड जॉब है। मेरे घुटनों और जोड़ों में काफी दर्द रहता था, जिससे मुझे दर्द की दवा खाने की आदत हो गई थी। डॉक्टर ने मुझे ऑपरेशन के लिए कहा था और यह भी बताया कि ऑपरेशन के बाद पांव मोड़ कर  बैठ नहीं पाएंगे। फिर मैंने नियमित योग  प्राणायाम और आसन करना शुरू किया। आज मैं एकदम फिट हंू। मुझे सभी समस्याओं से निजात मिल गई। अब मैं  मानसिक और शारीरिक रूप से  पहले से कहीं ज्यादा फिट हूं। फील्ड में सुबह से लेकर शाम तक अपना कार्य बड़े आराम से कर पाता हूं। -अमित राय चौधरी

थायराइड और शुगर पर नियंत्रण
मुझे  थायराइड की तकलीफ ज्यादा थी। शुगर भी हमेशा बढ़ी होती थी, लेकिन नियमित योग प्राणायाम और आसन करने से  थायराइड की दवाइयां पहले की मात्रा में 75 प्रतिशत कम हो गईं है। शुगर लेवल भी सामान्य हो गया है। थायराइड के लिए सिंह गर्जना, उज्जाई प्राणायाम, सर्वांगासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम नियमित तौर पर कराया गया। - सुनीता गेडाम

योग के बहुत फायदे
योग करने से शरीर में स्फूर्ति आती है। पहले मैं अगर एक मंजिल भी सीढ़ी चढ़ती थी, तो बहुत थकान होती थी। नियमित और योग करने से अब मुझे चार-पांच मंजिल चढ़ने पर भी थकान नहीं होती है। योग करने से न केवल मेरा वजन कम हुआ, बल्कि अब मैं बिल्कुल फिट महसूस करती हूं।  -ज्योति नवलाखे
 

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