चला गया था गलत पिन कोड, एडमिशन से छूट रहे छात्र को हाईकोर्ट ने राहत दी

चला गया था गलत पिन कोड, एडमिशन से छूट रहे छात्र को हाईकोर्ट ने राहत दी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-11 05:25 GMT
चला गया था गलत पिन कोड, एडमिशन से छूट रहे छात्र को हाईकोर्ट ने राहत दी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने पुणे निवासी 18 वर्षीय छात्र समीर गोखले को राहत दी है। छात्र द्वारा गलत पिन कोड पर आवेदन भेजने के कारण महाराष्ट्र पशु व मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के बैचलर ऑफ वेटरिनरी साइंस एंड हस्बेंडरी पाठ्यक्रम में उसका प्रवेश रद्द कर दिया गया। लेकिन हाईकोर्ट ने विद्यार्थी को दूसरा मौका देकर उसे मेरिट के आधार पर प्रवेश देने के आदेश जारी किए हैं।

हार्डकॉपी का पार्सल भेजा था
याचिकाकर्ता ने 22 नवंबर को विवि के बैचलर ऑफ वेटरिनरी साइंस एंड हस्बेंडरी पाठ्यक्रम में एनआरआई कोटे से प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। नियमानुसार इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च को 10 दिसंबर तक हार्डकॉपी भेजना जरूरी था, लेकिन हार्डकॉपी न पहुंचने से याचिकाकर्ता का आवेदन रद्द कर दिया गया। ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी कि उसने निजी कुरियर कंपनी के जरिए 25 नवंबर को ही हार्डकॉपी का पार्सल भेजा था।

पता सही, पिन कोड गलत
आवेदनकर्ता ने यहां एक गलती कर दी। पार्सल पर पूरा पता सही लिखा, बस पिन कोड गलत लिख दिया। 110012 पिन कोड की जगह 110001 पिन कोड लिख दिया। यहां एक संयोग यह हुआ कि गलत पिन कोड के बावजूद पार्सल इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च की दूसरी शाखा में 20 दिसंबर को पहुंचा। ऐसे में हाईकोर्ट ने छात्र पर दया दिखाते हुए उसे दूसरा मौका दिया है।

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