वेस्ट पेपर से बच्चों को सिखा रहे क्रिएटिव वर्क, पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के प्रयास

वेस्ट पेपर से बच्चों को सिखा रहे क्रिएटिव वर्क, पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के प्रयास

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-28 06:33 GMT
वेस्ट पेपर से बच्चों को सिखा रहे क्रिएटिव वर्क, पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के प्रयास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पर्यावरण संरक्षण के लिए युवा हमेशा कुछ न कुछ नया करते रहते हैं। युवा वर्ग की समाज के प्रति लगातार जागरूकता भी बढ़ रही है। वे स्टडी के साथ ही समाज में चल रही गतिविधियों पर भी ध्यान देते हैं। जब पर्यावरण संरक्षण की बात करते हैं, तो उसमें पेपर बचाना भी शामिल होता है और इसी अभियान पर टाइगर एंड ग्रुप और शिखा एंड ग्रुप के मेंबर काम कर रहे हैं।

गरीब बच्चों में बांटतें हैं नोटबुक तैयार कर
रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, बैंक, एटीएम आदि स्थानों पर आमतौर पर कागज के टुकड़े बिखरे रहते हैं, जिन्हें हम रद्दी समझ कर फेंक देते हैं और इन्हें इकट्ठा कर युवा बच्चों से क्रिएटिव वर्क करवा कर उनका भविष्य संवार रहे हैं। आज के समय में लगभग हर क्षेत्र में, कार्यालय में पेपर लेस वर्क को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि कागज की बचत हो सके। यहां तक कि रेलवे, बस, एयर तथा अन्य टिकट्स भी मोबाइल पर बनाए जा रहे हैं, ताकि कम से कम कागज का प्रयोग किया जाए। इसका उद्देश्य कागज बचाने के  साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी है। युवा सोच पर्यावरण संरक्षण हर तरह की कोशिश कर रही है। साथ ही अगर स्कूल, कॉलेज के डस्टबिंस में उन्हें पेपर मिलते भी हैं, तो वे इसे कलेक्ट करके रखते हैं। महीने भर में जितना भी पेपर इकट्ठा होता है उसे गरीब बच्चों को कुछ क्रिएटिव करने के लिए दिए जाते हैं। इसके लिए कॉलेज स्टूडेंट्स,वर्किंग के साथ ही शहर की विभिन्न कॉलोनियों में भी काम किया जा रहा है। इनकी प्लानिंग पेपर मिल में रिसाइकिलिंग कर उसकी नोटबुक तैयार कर गरीब बच्चों में बांटना भी है।

स्लम एरिया में जाते हैं
हम लेडीज को हमारे बच्चों ने प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि पेपर की रद्दी बेचने के बजाय उसे गरीब बच्चों में देंगे, ताकि वे इससे कुछ क्रिएटिव कर सकें। हमारे ग्रुप में हर लेडीज में कुछ न कुछ टैलेंट है, इसलिए गरीब बच्चों को वेस्ट पेपर से क्रिएटिव वर्क करना भी हम सिखा रहे हैं। इसके लिए हम स्लम एरियास में संडे को जाते हैं आैर वहां पर 2 घंटे उन बच्चों को नई-नई चीज सिखाते हैं। पॉलिथीन बंद होने के कारण कई बच्चों ने तो बहुत बढ़िया पेपर बैग भी बनाए हैं। समाज में अच्छा करने के लिए हमें ही अागे बढ़ना होगा, तभी समाज की तरक्की होगी। आज पर्यावरण की समस्या समाज में सबसे बड़ी है। (शिखा फौजदार, (गृहिणी), रामकृष्ण नगर)

सार्वजनिक स्थानों पर भी पड़े रहते हैं कागज
इसे हम अपना काम ही समझते हैं। रेलवे स्टेशन पर भी टिकट्स के प्रिंटआउट पड़े होते हैं। डेली तो कॉलेज और स्टडी के कारण पाॅसिबल नहीं होता है, पर वीकेंड में हम सार्वजनिक स्थलों पर जाकर वहां से भी पेपर इकट्ठा करते हैं। इस काम में हमारा पूरा ग्रुप साथ होता है। हम तो यही मानते हैं कि काम करने में कैसी शर्म। जब एक हाथ अागे बढ़ेगा, तो चार हाथ और आएंगे। हमारा मोटो यही है कि शहर की सफाई हो और गरीब बच्चों की पढ़ाई हो। अगर पेपर रद्दी में बेचते हैं, तो कुछ रुपए ही मिल पाते हैं, इसलिए इस रद्दी से अगर किसी का जीवन बनता है, तो इस बात पर हमें गर्व होना चाहिए। हमारे ग्रुप में गर्ल्स और बॉयज दोनों हैं, जो नि:स्वार्थ भाव से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। हमने अपने ग्रुप का नाम टाइगर एंड ग्रुप रखा है।  (टाइगर एंड ग्रुप) 
 

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