नागपुर के रेड लाइट एरिया में धकेली गई मप्र और राजस्थान से लाई गईं युवतियां

नागपुर के रेड लाइट एरिया में धकेली गई मप्र और राजस्थान से लाई गईं युवतियां

Anita Peddulwar
Update: 2020-10-22 07:16 GMT
नागपुर के रेड लाइट एरिया में धकेली गई मप्र और राजस्थान से लाई गईं युवतियां

डिजिटल  डेस्क, नागपुर।  शहर की बदनाम बस्ती गंगा-जमुना में मध्य प्रदेश और राजस्थान से लाकर युवतियों को देह व्यापार के धंधे में धकेला जा रहा है। इसका खुलासा सामाजिक सुरक्षा विभाग की छापेमारी में हुआ है। ज्यादा रुपए कमाने का लालच देकर युवतियों को यहां लाया जा रहा है। 20 अक्टूबर को हुई कार्रवाई में 14 युवतियों को मुक्त कराया गया है। महिला समेत तीन लोगों के खिलाफ लकड़गंज थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। बुधवार को अदालत के निर्देश पर युवतियों को करुणा महिला सुधारगृह भेज दिया गया।

पूरे इलाके में मची रही अफरा-तफरी
गंगा-जमुना में मध्य प्रदेश और राजस्थान से लाई गई युवतियों को बंधक बनाकर रखने और उनसे देह व्यापार कराए जाने की सूचना अपराध शाखा के सामाजिक सुरक्षा विभाग को मिली थी। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार कुमार के आदेश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग की टीम ने गैर सरकारी संगठन फ्रीडम फाउंडेशन की मदद से 20 अक्टूबर को छापा मारा। यहां से 14 युवतियों को पकड़ा गया। ये सभी मध्य प्रदेश और राजस्थान की रहने वाली हैं। दिन भर चली इस कार्रवाई के दौरान अफरा-तफरी का माहौल रहा। इस बीच, दलाल बाबू निजु धनावत (59) टिमरी जिला धौलपुर (राजस्थान) और देह व्यापार के लिए किराए से कमरे उपलब्ध कराने वाले सचिन उचिया और विमलाई के खिलाफ प्रकरण दर्ज िकया गया है। 

ये रहे शामिल
अपर आयुक्त सुनील फुलारी, उपायुक्त गजानन राजमाने, सहायक उपायुक्त सुधीर नंदनवार के मार्गदर्शन में सामाजिक सुरक्षा विभाग की निरीक्षक तृप्ति सोनवणे, उपनिरीक्षक अतुल इंगले, अनिल अंबाड़े, संदीप चंगोले, भूषण झाड़े, रीना जाउरकर, सुजाता पाटील आदि ने यह कार्रवाई की।

Tags:    

Similar News