नागपुर में 1100 बोरवेल को जिंदा करेगी जिप
नागपुर में 1100 बोरवेल को जिंदा करेगी जिप
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जलसंकट निवारण के लिए नए बोरवेल पर लाख रुपए खर्च करने से बेहतर पुराने बोरवेल में फ्लशिंग का यांत्रिकी विभाग के उपअभियंता निलेश मानकर ने जिला परिषद को यह सुझाव दिया। जिला परिषद ने इसे स्वीकृत कर इस वर्ष 1100 बोरवेल में फ्लशिंग करने का निर्णय लिया है। जलसंकट निवारण कार्यक्रम अंतर्गत विविध उपाययोजनाएं की जाती हैं, जिसमें जलापूर्ति योजनाओं की दुरुस्ती, अस्थायी जलापूर्ति योजनाओं का कार्यान्वयन, कुओं का अधिग्रहण, नए बोरवेल, बोरवेल का फ्लशिंग आदि का सामवेश है। जिले में प्रति वर्ष सैकड़ों बोरवेल खोदे जाते हैं।
पुनर्जीवित करने का सुझाव दिया
बोरवेल फ्लशिंग का प्रयोग सफल होने से जिस जगह बोरवेल नहीं है, उसी जगह नए बोरवेल खोदे जाएंगे। जिले में 100-150 नए बोरवेल खोदे जाएंगे। जहां पुराने बंद बोरवेल है, उसे फ्लशिंग कर पुनर्जीवित करने या वाटर रिचार्ज को प्राथमिकता दी गई है।
100-150 नए बोरवेल खोदे जाएंगे
पुराने बोरवेल सूख जाने पर उसे बंद किया जाता है। उसके बदले नए बोरवेल खोदे जाते हैं। एक बोरवेल खोदने के लिए लाख-डेढ़ लाख रुपए खर्च आता है। इसके बावजूद पानी लगेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं रहती। सरकारी निधि बेवजह खर्च होने की आशंका बनी रहती है। यांत्रिकी विभाग के उपअभियंता मानकर ने फ्लशिंग करने पर पुराने बोरवेल को पुनर्जीवित करने का सुझाव दिया। गत वर्ष 600 बोरवेल का फ्लशिंग किया गया। लगभग सभी बोरवेल के जलस्रोत पुनर्जीवित होकर जलसंकट में नागरिकों को राहत मिली। यह प्रयोग सफल होने से जिला परिषद ने इस वर्ष ज्यादा से ज्यादा बोरवेल का फ्लशिंग करने का निर्णय लिया है। 1100 बोरवेल फ्लशिंग करने का निर्णय लिया है। मार्च के दूसरे सप्ताह में काम की शुरुआत होने की सूत्रों से जानकारी मिली है।