स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद तापसी ने गुरु तेग बहादुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इंजीनियरिंग के बाद वो एमबीए करना चाहती थीं लेकिन उन्हें पसंदीदा कॉलेज नहीं मिला, जिसके चलते उन्होंने बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी करनी शुरू कर दी। तापसी ने करीब 6 महीने तक नौकरी भी की।
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दैनिक भास्कर हिंदी: Taapsee Pannu Birthday: सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं तापसी, पिंक ने दिलाई बॉलीवुड में असली पहचान
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। बॉलीवुड की बबली गर्ल कही जाने वाली एक्ट्रेस तापसी पन्नू का आज 31 वां जन्मदिन है। उनके पिता दिलमोहन सिंह एक बिजनेसमैन हैं, जबकि मां निर्मलजीत पन्नू एक हाउसवाइफ हैं। तापसी ने एक ट्रेंड कथक और भरतनाट्यम डांसर हैं। उन्होंने आठ साल की उम्र से ही डांस की ट्रेनिंग लेना शुरु कर दिया था। तापसी ने दिल्ली के ही एक स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ली। इसके साथ-साथ वे दूसरी सांस्कृतिक गतिविधियों और स्पोर्ट्स का भी हिस्सा रहीं। 1 अगस्त 1987 को दिल्ली में जन्मीं तापसी के बारे में जानते हैं कुछ खास बातें।


फिल्मों में आने से पहले तापसी मॉडलिंग किया करती थी। दरअसल उन्होंने 'Get Gorgeous Pageant' में आवेदन किया और इसमें वो सेलेक्ट कर ली गईं। मॉडलिंग की दुनिया के बाद उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री से ऑफर आने लगे। साउथ में उनकी पहली फिल्म साउथ सुपरस्टार महेश बाबू के साथ थी। उनकी फिल्म का नाम 'आडूकलाम' था। इस फिल्म के लिए उन्हें कुल 6 नेशनल अवॉर्ड्स भी मिले थे।

एक्ट्रेस ने साउथ इंडस्ट्री में अच्छा खासा नाम कमाने के बाद साल 2013 में बॉलीवुड की तरफ रुख किया। बॉलीवुड में उनकी फिल्म 'चश्मेबद्दूर' थी। फिल्म तो बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई लेकिन तापसी को हर किसी ने नोटिस किया। तापसी को बड़ी पहचान मिली निर्देशक शूजित सरकार की फिल्म 'पिंक' से। फिल्म में उनके किरदार को काफी सराहा गया। इस फिल्म से उनकी एक सुपरस्टार वाली इमेज भी बनीं। इस फिल्म के बाद तापसी के पास फिल्मों की लंबी लाइन लग लाई और हर फिल्म में वे खुद को और बेहतर साबित करती चलीं गईं। बता दें तापसी की फिल्म पिंक ने महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर सभी के बीच एक नई बहस भी छेड़ दी।

हालही में तापसी की फिल्म बदला रिलीज हुई थी। जिसमें एक बार फिर तापसी के काम को बहुत पसंद किया गया। जल्द ही उनकी फिल्म् मिशन मंगल रिलीज होने वाली है। फिल्म् में उनके साथ अक्षय कुमार, सोनाक्षी सिन्हा, विद्या बालन जैसे स्टार्स हैं। इसके अलावा उनकी फिल्म् सांड की आंख भी आने वाली है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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