- चुनाव आयोग की ओर से शाम 4.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। इसमें 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
- दुनियाभर में अब तक कोविड से 25 लाख लोगों की मौत
- जीडीपी के आंकड़े आने से पहले टूटा शेयर बाजार, 1000 अंक लुढ़का सेंसेक्स
- इंदौर की सुंदरता को खराब करने वालों पर होगी एफआईआर
- जम्मू-कश्मीरः पाकिस्तान ने इस वर्ष 56 दिनों में 591 बार तोड़ा संघर्षविराम
मस्क के ट्वीट के बाद बिटक्वाइन रिकॉर्ड ऊंचाई पर, 54 हजार डॉलर के करीब पहुंचे भाव

हाईलाइट
- Elon Musk के एक ट्वीट के बाद बिटक्वाइन के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर
- बिटक्वाइन का भाव इस समय 54567 डॉलर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक कार बनाने वाली कंपनी Telsa के सीईओ Elon Musk के एक ट्वीट के बाद बिटक्वाइन के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। एक बिटक्वाइन का भाव इस समय 54567 डॉलर (39,56,631.34 रुपये) के करीब चल रहा है। बता दें कि वर्चुअल करंसी बिटक्वॉइन ने बीते 5 सालों में निवेशकों को मालामाल कर दिया है। इस दौरान बिटक्वॉइन ने करीब 10 हजार फीसदी रिटर्न दिया है।
क्या कहा मस्क ने?
मस्क का कहना है कि बिटक्वाइन रखना कैश की तुलना में कुछ बेहतर है। उन्होंने कहा कि फिएट करेंसी (जैसे कि रुपया, डॉलर इत्यादि) में जब निगेटव रियल इंटेरेस्ट है तो कोई मूर्ख ही दूसरे विकल्प की तलाश नहीं करेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फिएट मनी के समान बिटक्वाइन की भी अपनी कमियां हैं। उन्होंने कहा कि वे निवेशक नहीं बल्कि इंजीनियर हैं और उनका टेस्ला के अलावा किसी भी पब्लिक ट्रेडेड स्टॉक में निवेश नहीं है। बता दें कि टेस्ला ने बिटक्वाइन में 150 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
टेस्ला के निवेश के बाद बिटक्वाइन में 16 हजार डॉलर की तेजी
टेस्ला के निवेश के बाद से बिटक्वाइन में अब तक करीब 16 हजार डॉलर की तेजी आ चुकी है। 8 फरवरी 2021 को एक बिटक्वाइन के भाव 38 हजार डॉलर के करीब थे जो अब महज 11 दिनों में ही बढ़कर 54 हजार डॉलर के स्तर को पार कर गए हैं। बता दें कि बिटक्वाइन डीसेंट्रलाइज्ड करेंसी है। इसका मतलब ये है की इस करेंसी पर न तो किसी संस्था और न ही किसी गवर्मेंट का अधिकार है। संतोषी नाकामोटो ने इसकी शुरुआत 2009 में की थी। उस वक्त 1 बिटकॉइन की कीमत लगभग 0.003$ के आस पास थी।
To be clear, I am *not* an investor, I am an engineer. I don’t even own any publicly traded stock besides Tesla.
— Elon Musk (@elonmusk) February 19, 2021
However, when fiat currency has negative real interest, only a fool wouldn’t look elsewhere.
Bitcoin is almost as bs as fiat money. The key word is “almost”.
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।