आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक का रियल एस्टेट क्षेत्र पर प्रभाव

Impact of RBIs Monetary Policy Committee review meeting on the real estate sector
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक का रियल एस्टेट क्षेत्र पर प्रभाव
नई दिल्ली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक का रियल एस्टेट क्षेत्र पर प्रभाव
हाईलाइट
  • रेपो दर में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी किये जाने की निर्णय लिया गया

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्राहकों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए सहकारी बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिये जाने वाले व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा में बढ़ोतरी करने की बुधवार को घोषणा की। इसके साथ ही, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी किये जाने की निर्णय लिया गया। रेपो दर अब 4.9 प्रतिशत हो गया है। रेपो दर में बढ़ोतरी करने से कई बैंक अपने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हैं, जिससे ग्राहकों के लिए ऋण की किस्त राशि अधिक बढ़ जाती हैं।

आरबीआई ने प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) और ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी) की आवास ऋण सीमा में संशोधन किया है। आरसीबी में राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक आते हैं। संशोधित सीमा के अनुसार, टियर एक शहर में शहरी सहकारी बैंकों की व्यक्तिगत आवास ऋण सीमा 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख रुपये तथा टियर दो शहरों में 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.40 करोड़ रुपये हो गई है। इसके अलावा, 100 करोड़ रुपये कम नेटवर्थ वाले आरसीबी के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये तथा अन्य आरसीबी के लिए 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये की गई है।

रिजर्व बैंक ने साथ ही राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को अनुमति दी है कि वे वाणिज्यिक रियल एस्टेट-रेजीडेंशियल हाउसिंग को उनकी कुल परिसंपत्ति के पांच प्रतिशत तक ऋण प्रदान कर सकते हैं। आरबीआई द्वारा रेपो दर में बढ़ोतरी के फैसले को रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिकूल माना जाता है। पिनैकल ग्रुप के सीईओ रोहन पंवार के मुताबिक ईएमआई बढ़ने से आवास ऋण की मांग प्रभावित होगी। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र पर दोहरी मार पड़ी है। पहले से ही कच्चे माल की कीमतों में तेजी से यह क्षेत्र प्रभावित था। हालांकि घर खरीदने की ग्राहकों की इच्छा मांग को कुछ हद तक बनाये रख सकती है।

नैरेडको के उपाध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि आवास ऋण लंबी अवधि के फ्लोटिंग रेट पर लिये जाते हैं। ऐसे में जब वैश्विक स्थिति में सुधार आएगा और दरों में कटौती की जाएगी तो घर खरीदारों को भी इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा सहकारी बैंकों की आवास ऋण सीमा बढ़ाये जाने का निर्णय भी स्वागत योग्य है क्योंकि इससे उन ग्राहकों को लाभ मिलेगा जो सहकारी बैंक से आवास ऋण लेना चाहते हैं। गोयल गंगा ग्रुप के एमडी अतुल गोयल ने कहा कि हालांकि रेपो दर में बढ़ोतरी से आवास ऋण महंगा हो जाएगा लेकिन यह फैसला महंगाई पर काबू पाने के लिए किया गया है। एक अस्थिर अर्थव्यवस्था रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सही नहीं है। रियल एस्टेट क्षेत्र के विकसित होने के लिए अर्थव्यवस्था का ठीक से विकसित होना जरूरी है।

कुछ ऐसी ही राय आरपीएस ग्रुप के पार्टनर सुरेन गोयल की भी थी। उन्होंने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में तेजी बनी हुई है और ऐसे में अगर महंगाई पर काबू नहीं पाया गया तो कच्चा माल और महंगा हो जाएगा। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र पर बुरा असर पड़ेगा। क्रेडाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अमित मोदी ने कहा कि रेपो दर में बढ़ोतरी से खरीदारों की धारणा कमजोर होगी। इसका असर पहली बार घर खरीदने वालों पर अधिक पड़ेगा। मोतीलाल ओसवाल रियल एस्टेट फंड के निदेशक एवं सीईओ शरद मित्तल ने कहा कि सहकारी बैंकों को रेजिडेंशियल हाउसिंग परियोजनाओं को ऋण देने की अनुमति देने से रियल एस्टेट क्षेत्र में तरलता बढ़ेगी, जिसकी अभी बहुत जरूरत है।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   8 Jun 2022 3:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story