आरबीआई के नए मानदंड एनबीएफसी के लिए बढ़ा सकते हैं एनपीए
- संपूर्ण बकाया के भुगतान के बाद ही एनपीए को मानक श्रेणी में उन्नत किया जाना है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए आय की पहचान, परिसंपत्ति वर्गीकरण और प्रावधान मानदंडों पर भारतीय रिजर्व बैंक की हाल ही में जारी अधिसूचना से गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों के लिए गैर-प्रदर्शन संपत्ति (एनपीए) में तेज वृद्धि हो सकती है। यह बात आईसीआरए ने कही।
केंद्रीय बैंक ने 12 नवंबर को कहा था कि विशेष उल्लेख वाले खातों और गैर-निष्पादित खातों का वर्गीकरण एक दिन के अंत की स्थिति के आधार पर किया जाना चाहिए और सभी बकाया बकाया की निकासी के बाद ही एनपीए से मानक श्रेणी में अपग्रेड किया जाना चाहिए।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ये नए मानदंड ऐसी संस्थाओं के आय प्रदर्शन पर असर डालेंगे जो अगली कुछ तिमाहियों में दिखाई देंगे, अगर एनपीए श्रेणी में आगे का प्रवाह शामिल नहीं है। आईसीआरए के उपाध्यक्ष ए.एम. कार्तिक ने कहा, सख्त एनपीए उन्नयन आवश्यकता मार्च 2022 के एनबीएफसी और एचएफसी (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों) एनपीए को क्रमश: 160-180 आधार अंक और 60-80 आधार अंक तक बढ़ाने की संभावना है।
संपूर्ण बकाया के भुगतान के बाद ही एनपीए को मानक श्रेणी में उन्नत किया जाना है। एजेंसी ने कहा, इससे बैंक प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि वे इस मानदंड का पालन कर रहे हैं। एनबीएफसी आमतौर पर बकाया अतिदेय के आंशिक भुगतान के साथ भी एक एनपीए खाते को अपग्रेड कर रहे हैं, जबकि रिपोर्टिग तिथि पर कुल अतिदेय 90 दिनों से कम के लिए थे।
आगे चलकर, एनबीएफसी के एनपीए के लिए मानक श्रेणी में मूवमेंट प्रभावित होगा, क्योंकि उनके लक्षित उधारकर्ताओं के पास आम तौर पर सभी बकाया राशि को चुकाने की सीमित क्षमता होती है।
आईएएनएस
Created On :   28 Nov 2021 7:00 PM IST