रमा एकादशी: इस व्रत को करने से बड़े से बड़े पापों से मिलती है मुक्ति, यहां जानें पूजा ​की विधि

इस व्रत को करने से बड़े से बड़े पापों से मिलती है मुक्ति, यहां जानें पूजा ​की विधि
माता लक्ष्मी का एक नाम रमा भी है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में एकादशी का खासा महत्व है और साल भर में 24 एकादशी आती हैं। इनमें से एक है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी, जिसे रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत इस वर्ष 09 नवंबर, गुरुवार को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि, रमा एकादशी बड़े-बड़े पापों को दूर करने वाली है। पद्म पुराण के अनुसार रमा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

बता दें कि, मां लक्ष्मी की आराधना इसी एकादशी से आरंभ हो जाती है। माता लक्ष्मी का एक नाम रमा भी है। इसलिए इस एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। इस व्रत को करने से विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी मिलती है। इस दिन विष्णु के पूर्णावतार केशव स्वरूप की भी लोग अराधना भी की जाती है।

तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 08 नवंबर, बुधवार सुबह 8 बजकर 42 मिनट से

तिथि समापन: 09 नवंबर, गुरुवार सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक

रमा एकादशी पूजन विधि

1. रमा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और अपने सभी कामों से निवृत्त हों।

2. स्नान के बाद इस व्रत को करने के लिए संकल्प लें।

3. अगर आप निराहार रहना चाहते हैं तो संकल्प लें और यदि आप एक समय फलाहार लेना चाहते हैं तो उसी प्रकार संकल्प लें।

4. इसके बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें।

5. आप चाहे तो किसी पंडित को भी बुला सकते हैं। पूजा करने के बाद भगवान को भोग लगाएं और सभी को प्रसाद को बांट दें। इसके बाद शाम को भी इसी तरह पूजा करें और बैठकर श्रीमद्भागवत या गीता का पाठ करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   7 Nov 2023 11:31 AM GMT

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