अकोला: लहसुन के दाम बढ़ने से सब्जियों में हो रहा कम उपयोग, अब कमी के बन रहे आसार

लहसुन के दाम बढ़ने से सब्जियों में हो रहा कम उपयोग, अब कमी के बन रहे आसार
  • आनेवाले सप्ताह में दामों में कमी के आसार
  • लहसुन की बाहर के राज्यों से होती है आवक

डिजिटल डेस्क, अकोला. जायकेदार सब्जी का आनंद लेने के लिए घरों में पकाई जानेवाली सब्जी में लहसुन, प्याज, अदरक, हरी मिर्च, हरा धनिया, टमाटर आदि डाला जाता है। सात्विक भोजन की इच्छा रखनेवाले लहसुन प्याज एवं मिर्च से परहेज करते हैं। लेकिन ऐसे लोग उंगली पर गिने-चुने ही होते है। कुछ जायके वाले भोजन के साथ तली हुई लहसुन खाना विशेष पसंद करते है। लेकिन पिछले लगभग एक वर्ष से प्राकृर्तिक असंतुलन के कारण लहसुन का उत्पादन मांग की तुलना में कम होने के कारण लहसुन के दाम आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। वर्तमान हालात में एक पाव लहसुन के लिए उपभोक्ता को कम से कम 100 रुपए गिनने पड़ रहे हैं। जिससे प्रतिदिन लहसन प्राय का जायका लेनेवाले जायके से तौबा कर रहे हैं। लहसुन का नाम आते ही सभी को सब्जियों और में लगनेवाले विशेष घटक के रुप में इसे देखा जाता है।

लहसुन की तासीर गर्म होने के साथ ही लहसुन में कई औषधिय गुण पाए जाते है। लहसुन का उपयोग आमतौर पर सब्जियां, चटनी या अचार में अधिक प्रमाण में उपयोग में लाया जाता है। इसके साथ ही अक्सर ठंड के दिनों में भी लहसुन का उपयोग अधिक किया जाता है। परंतु विगत कई माह से 300 से 400 रुपए किलो दाम होने के कारण इस वर्ष ठंड में भी विगत समय से अनुसार अधिक प्रमाण में इसकी बिक्री नहीं हुई है। होलसेल में आमतौर पर 3 ग्रेड में लहसुन की किमत तय की जाती है। जिसमें ए, बी और सी ग्रेड में इसकी किमत तय की जाती है। इसमें ए ग्रेड की लहसुन उत्तम प्रकार की लहसुन मानी जाती है, बी ग्रेड मध्यम और सी ग्रेड की लहसुन आमतौर पर कम ही ली जाती है। हर घर, होटल में आमतौर पर मध्यम ग्रेड की लहसुन को प्राधान्य दिया जाता है। लहसुन के होलसेल व्यापारी जिब्राईल दिवान से जानकारी लेने के दौरान उन्होंने इसकी विस्तार से जानकारी देते सप्ताह के प्रारम्भ से ही लहसुन के दामों में कमी आने की बात कही।

आनेवाले सप्ताह में दामों में कमी के आसार

जिब्राइल दीवान, थोक व्यवसायी दीवान एंड सन्स, एपीएमसी मार्केट ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि ए ग्रेड की लहसुन का एक कट्टा जो 55 से 60 किलो होता है वह कट्टा थोक व्यापारी को 200 रुपए प्रति किलो में पड़ता है। जबकि खुदरा बाजार में ए ग्रेड का यही लहसुन 400 से 420 रुपए प्रति किलो बिकता है। बाजार में नई लहसुन की आवक प्रारम्भ हो गई है, जिससे व्यापारियों ने संभावना जताई है कि आनेवाले समय में लहसुन के दाम आपूर्ति के आधार पर काफी कम हो सकते है।

लहसुन की बाहर के राज्यों से होती है आवक

लहसुन का उत्पादन आमतौर पर मध्य प्रदेश और राजस्थान से विशेष रुप से किया जाता है और वहीं से इसकी अकोला जिले में आवक होती है। मध्य प्रदेश से आने में कम से कम 16 से 18 घंटे लगते हैं, वहीं राजस्थान से आने में 48 घटों का समय लगता है। इस कारण दामों में कम-अधिक का प्रमाण चलता है। ट्रान्सपोर्टेशन चार्ज, बिचौलियों का मुनाफा आदि मिलाकर खुदरा कीमत तय की जाती है। जिसके कारण थोक बिक्री मूल्य की तुलना में फुटकर दाम डेढ़ से दो गुना हो जाते हैं।

Created On :   4 Feb 2024 12:17 PM GMT

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