लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: मेहरा के फॉर्म हाउस पर मिली ऑर्गेनिक अजवाईन, कोरिएंडर, अक्केसिया, मस्टर्ड और तुलसी वाली 17 टन शहद की भी होगी जांच

मेहरा के फॉर्म हाउस पर मिली ऑर्गेनिक अजवाईन, कोरिएंडर, अक्केसिया, मस्टर्ड और तुलसी वाली 17 टन शहद की भी होगी जांच
शहद असली है या नकली इसको लेकर खाद्य विभाग से सैंपलिंग करवाकर लैबोरेट्री में टेस्ट होगा। लगभग 650 ड्रम में भरी मिली शहद पर संदेह हो रहा है।

डिजिटल डेस्क, भोपल। मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के रिटायर्ड इंजीनियर इन चीफ गोविंद प्रसाद मेहरा (जीपी मेहरा) के सोहागपुर कस्तुरी कृषि फॉर्म (केकेएफ) पर लोकायुक्त के छापे के दौरान मिली 17 टन शहद की भी लोकायुक्त जांच करवाएगा। यह शहद असली है या नकली इसको लेकर खाद्य विभाग से सैंपलिंग करवाकर लैबोरेट्री में टेस्ट होगा। लगभग 650 ड्रम में भरी मिली शहद पर संदेह हो रहा है कि आखिर कृषि फॉर्म पर शहद का प्रोसेसिंग प्लांट नहीं है, फिर इतनी मात्रा में शहद क्यों एकत्र की गई। लोकायुक्त को मिली शहद की कीमत 45-50 लाख रुपए आंकी गई है। फॉर्म पर शहद पालन भी सामान्यत: इतना नहीं मिला कि इतनी शहद एकत्र की जा सके। मेहरा के बेटे शिवम मेहरा केकेएफ संचालित करते हैं।

केकेएफ ब्रांड से अजवाईन, कोरिएंडर, अक्केसिया, मस्टर्ड और तुलसी सहित सभी 5 तरह की ऑर्गेनिक शहद का विक्रय होता है। केकेएफ की आिधकारिक वेबसाइट पर शहद एफएसएसएआई सर्टिफाइड बताई गई है, जिसे व्यक्तिगत और क्लीनिकल उपयोग के लिए 600 रुपए किलो तक विक्रय करना दर्शाया है। लोकायुक्त को संदेह है कि सामान्यत: जंगली शहद तो ऑर्गेनिक ही होती है, लेकिन अजवाईन, कोरिएंडर, अक्केसिया, मस्टर्ड और तुलसी वाली 17 शहद एकत्र करने के लिए बड़े स्तर पर शहद पालन होना चाहिए।

हालांकि, लोकायुक्त की टीम को मौके पर बड़े स्तर पर शहद पालन करना नहीं मिला। सूत्रों का मानना हे कि भारी मात्रा में मधुमक्कियों होगी तब ही इतनी शहद इकट्टा हो सकती है। ऐसे में मधुमक्कियां ही नहीं है तो शहद कैसे बना और वो भी पांच प्रकार की ऑर्गेनिक?। जबकि केकेएफ 2022 में स्थापित करना पाया गया है, इतने कम समय में इतनी शहद के कारोबार पर लोकायुक्त को संदेह है। केकेएफ पार्टनरशिफ फर्म है, जिससे रिटेल, थोक बिजनेस और फैक्ट्री-मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट के लिए जीएसटी नंबर 23FEKPM1412M1ZHलिया गया है। इसमें 20 कर्मचारी रोजगाररत दर्शाया है। केकेएफ के सीईओ कमलेश रघुवंशी है।

राजस्थान में भी संपदा की आशंका

लोकायुक्त की छानबीन में सामने आया है कि मेहरा, राजस्थान से शहद बुलवाते हैं और राजस्थान में भी मेहरा की संपदा हो सकती है। इसके अिभलेखों की छानबीन की जा रही है, आवश्यकता पड़ी तो लोकायुक्त की टीम राजस्थान में भी जांच के लिए जा सकती है। जांच में धीरे-धीरे मेहरा की अन्य संपत्तियों की भी लोकायुक्त को जानकारी मिल रही है। भोपाल में बोर्ड ऑिफस चौराहा स्थित कीलनदेव टॉवर्स में भी फ्लैट क्रमांक ई-604 की जानकारी मिली है। यह फ्लेट प्रीति मेहरा व गोविंद प्रसाद मेहरा के नाम होना पाया गया। इसी तरह अन्य संपत्तियों, कागजों, बैंक खातों से भी लिंक पता किया जा रहा है।

Created On :   15 Oct 2025 11:25 PM IST

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