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Bhopal News: मेहरा के बेटे की केटी इंडस्ट्रीज ने जिन 60 वेंडरों को उत्पाद बेचा वे भी जांच के दायरे में, एसओआर मैक अप्रुव करने वाली कमेटी से भी हो सकती है पूछताछ

Bhopal News: लोक निर्माण विभाग (पीआईयू) के रिटायर्ड इंजीनियर इन चीफ गोविंद प्रसाद (जीपी) मेहरा के बेटे रोहित मेहरा और पार्टनर कैलाश नारायण नायक की पार्टनरशिफ फर्म केटी इंडस्ट्रीज के उत्पाद खरीदने वाले 60 से अिधक वेंडरों की भी ईओडब्ल्यू की जांच कर रहा है। दरअसल, केटी इंडस्ट्री से जिन वेंडरों ने बिजली के उत्पाद खरीदे वह निर्माण एजेंसियों में वेंडरों के जरिए खपाया गया है। ईओडब्ल्यू की जांच में कुछ तथ्य सामने आए है कि जीपी मेहरा ने निर्माण एजेंसियों में बेटे की कंपनी के प्रोडक्ट को लांच करवाकर व्यापार का दायरा बढ़ाया साथ ही वेंडरों-व्यापारियों के जरिए भी सरकारी निर्माण एजेंसियों जैसे, पीडब्ल्यूडी, मप्र पुलिस हाउिसंग कारपोरेशन, बीडीसी, मप्र हाउिसंग बोर्ड, लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल नगर निगम में काम करने वाले वेंडरों को केटी इंडस्ट्री का सामान लगाने के लिए दबाव बनाया गया। पीडब्ल्यूडी एसओआर मैक अप्रुवल (विद्युत) करने वाली कमेटी के पदाधिकारियों को भी ईओडब्ल्यू तलब करने जा रही है। जानकारी ली जाएगी कि अिधकारियों ने कम समय में केटी इंडस्ट्रीज के उत्पाद को कैसे अप्रुवल दे दिया?। जांच के बाद मेहरा पर पद के दुरुपयोग का भी केस दर्ज हो सकता है।
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केटी इंडस्ट्रीज के मैक अप्रुवल की फाइल तलब की है, जिसे पीडब्ल्यूडी के अिधकारी दबाने में लगे हुए हैं। दरअसल, जीपी मेहरा ने मैक अप्रुवल के लिए तत्कालीन अिधकारियों पर दबाव बनाया था, जिसके चलते पीडब्ल्यूडी में हलचल मच गई थी और आपत्तियां भी ली गई थी, लेकिन जीपी मेहरा के प्रभाव के कारण दबा दी गई। मैक अप्रुवल शाखा में संविदा पर पदस्थ क्वांटिटी सर्वेयर योगेश निलाजीवार को भी ईओडब्ल्यू ने नोटिस दिया है। योगेश ने केटी इंडस्ट्रीज का मैक अप्रुवल फाइनल किया। मेहरा के यहां छापा पड़ने के बाद योगेश को यहां से हटा दिया। जिन अफसरों ने केटी इंडस्ट्रीज के एसओआर मैक अप्रुवल पर साइन किया, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
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दो तरह से केटी को लाभ पहुंचाया
केटी इंडस्ट्रीज के उत्पाद सरकारी विभागों में लगाने के लिए दो तरह से काम किया गया। पहला तो केटी को जीपी मेहरा ने अपने प्रभाव से एंट्री दिलवाई और दूसरा, केटी इंडस्ट्रीज का उत्पाद वेंडरों काे बेचा गया, जिसे वेंडरों ने सरकारी विभागों में लगाया। इससे केटी इंडस्ट्रीज का बिजनेस वॉल्यूम बढ़ाया। अब केटी इंडस्ट्रीज का उत्पाद खरीदने वाले सभी वेंडरों को कैसे काम मिला, इसकी भी जांच की जा सकती है।
पैसों की हेराफेरी की आशंका
ईओडब्ल्यू ने पीडब्ल्यूडी, सड़क विकास निगम को नोटिस देकर केटी इंडस्ट्री और केटी इंडस्ट्रीज से जुड़े 60 से ज्यादा वेंडरों को दिए गए काम के अिभलेख मांगे है। पीडब्ल्यूडी के अिधकारी कागज दबाने में लगे हैं। इसके चलते ईओडब्ल्यू को आशंका है कि कम समय में केटी इंडस्ट्रीज ने बड़ा टर्नओवर कैसे खड़ा कर लिया। इस इंडस्ट्रीज के जरिए जीपी मेहरा की काली कमाई का हेरफेर (साइफनिंग ऑफ फंड) करने की आशंका है। संदेह है कि मेहरा ने काले धन को सफेद करने के लिए केटी इंडस्ट्रीज का सहारा लिया। केटी इंडस्ट्रीज के खातों की भी जांच की जा रही है। साथ ही साइफनिंग ऑफ फंड को लेकर ईडी और आयकर विभाग की भी इस प्रकरण पर नजर है। मेहरा और केटी इंडस्ट्रीज के के ट्रांजेक्टशन की छानबीन आयकर विभाग भी कर रहा है। जीएसटी ने भी रोहित मेहरा और कैलाश नायक से जानकारी मांगी है।
Created On :   28 Nov 2025 6:06 PM IST












