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CBI-ED की जांच तेज: महादेव ऑनलाइन सट्टा का हेडक्वार्टर दुबई से श्रीलंका शिफ्ट, भास्कर की जांच में कई बड़े खुलासे

- महादेव बुक का मुख्यालय दुबई से श्रीलंका शिफ्ट किया गया है, क्योंकि CBI और ED की जांच के चलते यूएई में दबाव बढ़ गया था।
- छत्तीसगढ़ के युवाओं और बैंक खातों से दूरी बना ली गई है, खासकर रायपुर और दुर्ग-भिलाई के लड़कों को अब महादेव बुक में शामिल नहीं किया जा रहा।
- भास्कर की पड़ताल में खुलासा – अब तक 4000 से अधिक युवक इस ऑनलाइन सट्टा सिंडिकेट में काम कर चुके हैं, जिन्हें 30 हजार से 1 लाख तक की सैलरी, शाही जिंदगी और पूरी सुविधा दी जा रही है।
भोपाल/रायपुर। छत्तीसगढ़ के 6,000 करोड़ रुपए के चर्चित महादेव ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क का मुख्यालय अब दुबई से श्रीलंका शिफ्ट कर दिया गया है। यह कदम यूएई के दबाव और CBI-ED की कड़ी जांच के चलते उठाया गया है। दैनिक भास्कर की एक महीने लंबी पड़ताल में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
भास्कर की टीम ने दुबई और श्रीलंका से लौटे 20 युवाओं से बातचीत की, जो पहले महादेव बुक के लिए काम कर चुके हैं। इन युवाओं ने बताया कि नेटवर्क का सारा सेटअप दो महीने के भीतर श्रीलंका शिफ्ट कर दिया गया है।
अब किंगपिन सौरभ चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ के युवाओं और बैंक खातों से तौबा कर ली है। खासकर रायपुर और दुर्ग-भिलाई के युवाओं को बिल्कुल भी भर्ती नहीं किया जा रहा क्योंकि वे CBI और पुलिस के रडार पर हैं।
पहले की गिरफ्तारियों से मिले कई लिंक
CBI को पूर्व में हुई गिरफ्तारियों से कई एहम लिंक मिले थे, जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ रही है। इसी कारण सौरभ ने छत्तीसगढ़ से लेनदेन भी पूरी तरह बंद कर दिए हैं, ताकि कोई वित्तीय कड़ी न जोड़ी जा सके।
महादेव बुक के बड़े खिलाड़ी:
- सौरभ चंद्राकर और रवि उत्पल ने वनातु की नागरिकता ले ली है।
- सौरभ ने अब तक 4000 करोड़ से ज्यादा निवेश किया है।
- दुबई के विला नंबर 17 में सौरभ, 23 में राज और सौरभ आहूजा रहते हैं।
30 हजार से 1 लाख तक सैलरी, शाही जिंदगी
महादेव बुक और उससे जुड़ी अन्य गैम्बलिंग साइट्स में फिलहाल 4000 से ज्यादा युवा काम कर रहे हैं। इन युवाओं को 30 हजार से 1 लाख रुपए तक सैलरी, शाही लाइफस्टाइल और सारी सुविधाएं दी जाती हैं। आज महादेव बुक का कारोबार 500 करोड़ से ज्यादा पहुंच चुका है।
दुबई से लौटे युवाओं ने खोले राज:
24 अप्रैल, शाम 4 बजे - "मैंने 4.5 महीने दुबई में काम किया। सैलरी का एक रुपया भी खर्च नहीं होता था। पहले पैनल 5 लाख में मिलता था, अब 30 लाख तक पहुंच गया है।"
16 मई, दोपहर 12 बजे - "मुझे 25 हजार सैलरी मिलती थी। महादेव बुक में सीधी भर्ती नहीं होती, सब कुछ जान-पहचान और नेटवर्क के जरिए चलता है।"
17 मई, दोपहर 1 बजे - "मैं कोविड के पहले सौरभ के संपर्क में आया था। बाद में CBI जांच के बाद दुर्ग-भिलाई के लड़कों और उनके बैंक खातों को पूरी तरह ब्लैकलिस्ट कर दिया गया।"
1 जून, दोपहर 12:30 बजे - पहले राधिका नगर, दुर्ग में एक पुलिसवाले के घर से पैनल चलाया जाता था। सौरभ ने रेड्डी अन्ना से ट्रेनिंग ली थी। बाद में पैनल बेचकर महादेव बुक की नींव रखी गई।"
2019 में शुरू, 2025 तक 60 लाख यूजर्स
सौरभ, रवि और अतुल अग्रवाल ने 2019 में दुबई से महादेव बुक की शुरुआत की।
- कोरोना काल में नेटवर्क तेजी से फैला।
- 12 लाख यूजर बेस से शुरुआत, 1000 करोड़ डील के बाद यह 50 लाख पार हुआ।
- अब यह आंकड़ा 60 लाख यूजर्स को पार कर चुका है।
भास्कर रिपोर्टर ने लिया खुद अनुभव:
- 22 मई, 8:34 बजे - भास्कर रिपोर्टर ने WhatsApp पर लिखा: "Hi, ID चाहिए"
- एक मिनट में जवाब आया: “Welcome to Om Namah Shivay Book”
- कई साइट्स की लिंक भेजी गईं, mybet777.com पर क्लिक किया
- फिर ₹200 का फोनपे स्कैनर भेजा गया
- 5 मिनट में यूजरनेम-पासवर्ड मिल गया: 11salman7735
लुकआउट नोटिस जारी, बड़े चेहरे रडार पर
अब तक सौरभ, रवि, शुभम सोनी समेत 70 से ज्यादा लोगों पर FIR दर्ज हो चुकी है। CBI ने मार्च 2025 में पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व विधायक देवेंद्र यादव, कई IAS और पुलिस अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की। बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए।
महादेव ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क अब एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट में तब्दील हो चुका है। CBI और ED की जांचों के कारण इसकी रणनीति में बड़ा बदलाव किया गया है। यह रिपोर्ट देश में चल रहे सबसे बड़े ऑनलाइन जुए के कारोबार की सच्चाई को सामने लाती है।
Created On :   18 Jun 2025 2:50 PM IST