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भोपाल: जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों ने अपनी मांगों को लेकर नीलम पार्क में दिया धरना
- महाविद्यालयीन स्ववित्त जनभागीदारी अतिथि विद्वानों ने खोला मोर्चा
- सीएम के नाम का मांग पत्र विशेष कर्तवस्थ अधिकारी को सौंपा
डिजिटल डेस्क,भोपाल। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में पढ़ाने वाले जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वान अपनी मांगों को लेकर भोपाल भोपाल के नीलम पार्क में धरना देने पहुचें इन अतिथि विद्वानों का कहना है की 11/09/2023 को भोपाल में अतिथि विद्वानों की महापंचायत में रिक्त पद के विरुद्ध अतिथि विद्वानों के लिए घोषणाएं होती रही और दूसरी और जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों को महापंचायत में बैठने तक का मौका नहीं दिया गया,ये अतिथि विद्वान मुख्यमंत्री आवास के बाहर आस लगाए बैठे रहे ही होने वाली घोषणाएं हमारे लिए भी होगी उनका लाभ हमें भी मिलेगा परंतु मुख्यमंत्री जी द्वारा इनका जिक्र तक नहीं किया गया।
जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानो का कहना हैं की हमारी नियुक्ति उच्च शिक्षा विभाग के मापदंडों अनुरूप हुई है साथ ही हम उन विषयों को पढ़ाते है जिनमे प्रदेश के अधिकांश विद्यार्थी प्रवेश लेते है तो हमारे साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया गया।
इसी बात से नाराज चल रहे महाविद्यालयीन स्ववित्त जनभागीदारी अतिथि विद्वानों ने मोर्चा खोला है। मध्य प्रदेश के सभी जन भागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वान दिनांक 22/09/2023 को सामूहिक रूप से अपनी मांगों के संदर्भ में प्रदेश की राजधानी भोपाल में नीलम पार्क में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन दिया इस प्रदर्शन में प्रदेश के सभी कॉलेजों से अतिथि विद्वान भोपाल पहुचें।
साथ ही मुख्यमंत्र निवास पर जाकर मुख्यमंत्री के नाम का मांग पत्र विशेष कर्तवस्थ अधिकारी को सौंपा,उच्च शिक्षा मंत्री जी के यहां जाकर भी मांग पत्र सौंपा। जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों की प्रमुख मांग है कि मुख्यमंत्री जी द्वारा अतिथि विद्वानों की महापंचायत में जो घोषणा रिक्त पदों पर कार्यरत अतिथि विद्वानों के लिए की वह अतिथि विद्वानों में भेद किए बिना हम जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों पर भी लागू की जाए।
जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों की मांग के कुछ प्रमुख बिंदु
1. रिक्त पदों पर कार्यरत अतिथि विद्वानों के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा बुलाई गई महापंचायत में की गई घोषणाओं एवम जारी किए जाने वाले नियम एवम निर्देशो को जनभागीदारी स्ववित्तअतिथि विद्वानों पर भी लागू किया जाए।
2. जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों का कार्यकाल (12 माह) एवम वेतनमान रिक्त पदों पर कार्यरत अतिथि विद्वानों के समान किया जावे।
3. लोक सेवा आयोग आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक चयन परीक्षा में जनभागीदारी स्ववित्त से पढ़ाने वाले अतिथि विद्वानों के अनुभव अंक भी मान्य (सम्मिलित) किए जाने का आदेश जारी किया जाए ।
4.स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों के साथ परंपरागत पाठ्यक्रमों में वर्तमान समय में जनभागीदारी मद से नियुक्त अतिथि विद्वानों के लिए लिए पद सृजित कर उन पदों पर वर्तमान में कार्यरत जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों को अधिगृहित कर उन्हे नियुक्ति प्रदान की जावे।
5. जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों को योग्यता के आधार आप भेद न करते हुए वेतनमान दिया जावे।
6. जनभागीदारी स्ववित्त अतिथि विद्वानों के लिए श्रम कानूनों के पालन हेतु महाविधालयओ को निर्देश दिया जाए।
7. जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों की समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जावे।
दो तरह के अतिथि विद्वान -
प्रदेश में सरकारी कॉलेजों में दो तरह के अतिथि विद्वान कार्य करते है, एक तो प्रदेश कॉलेजों में चलाए जाने वाले रोजगारोन्मुखी विषयों के साथ साथ परंपरागत विषयों में जनभागीदारी मद से नियुक्त होने वाले अतिथि विद्वान है एवम दूसरे रिक्त पदों पर कार्य करने वाले अतिथि विद्वान।दोनो ही तरह के अतिथि विद्वानों की नियुक्ति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तय किए गए मापदंडों के तहत हुई है।
Created On :   22 Sept 2023 8:52 PM IST