नशे से दूरी अभियान: रायसेन पुलिस व रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में नशे से दूरी है ज़रूरी अभियान पर साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन संपन्न

रायसेन पुलिस व रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में नशे से दूरी है ज़रूरी अभियान पर साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन संपन्न
  • जब इंसान ईश्वर का अंश है तो नशे जैसी निर्बलता क्यों: मिथिलेश कुमार शुक्ला
  • नशे की लत बन चुकी है राष्ट्रीय समस्या: प्रशांत खरे
  • नशा एक व्यक्ति नहीं पूरे समाज को प्रभावित करता है: पंकज कुमार पाण्डेय
  • आदत बदली जा सकती है लत नहीं: डॉ. राजीव अग्रवाल
  • प्राकृतिक आहार और योग से नशा मुक्त जीवन संभव: योगेन्द्र पुरोहित

भोपाल। रायसेन पुलिस और रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, रायसेन की राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा मिलकर 'नशे से दूरी, है ज़रूरी' थीम पर एक सप्ताहव्यापी नशा मुक्ति अभियान संपन्न हुवा। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मिथिलेश कुमार शुक्ला, पुलिस महानिरीक्षक, नर्मदापुरम, प्रशांत खरे, पुलिस उप महानिरीक्षक, नर्मदापुरम, डॉ. योगेन्द्र पुरोहित, स्पेशलिस्ट इलेक्ट्रोपैथी, डिटॉक्स एण्ड बॉडी क्लिनजिंग थेरेपी और नशा मुक्ति थेरेपी, पंकज कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक, रायसेन, डॉ. राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, मंडीदीप इंडस्ट्री एसोसिएशन, डॉ संगीता जौहरी, कुलसचिव आरएनटीयू और शीला सुराना, एसडीओपी, औबेदुल्लागंज, रायसेन उपस्थित थीं। साथ ही रायसेन जिले के पुलिस विभाग से थाना प्रभारी औबेदुल्लागंज भारत प्रताप सिंह थाना प्रभारी मंडीदीप रंजीत सराठे थाना प्रभारी सतलापुर विजय त्रिपाठी थाना प्रभारी गोहरगंज महेश टांडेकर थाना प्रभारी नूरगंज तेजपाल सिंह, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, स्कूल और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

इस मौके पर मिथिलेश कुमार शुक्ला जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब हम ईश्वर का अंश हैं तो हमें किसी बाहरी नशे या आदत की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। नशा केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक और सामाजिक गिरावट का कारण बनता है। समाज में फैलती नशे की प्रवृत्ति केवल एक व्यक्तिगत कमजोरी नहीं, बल्कि यह राष्ट्रीय चरित्र को भी प्रभावित करती है। ऐसे में यह हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि हम एक-दूसरे को जागरूक करें। उन्होंने युवाओं से आत्मचिंतन करने का आग्रह किया। अंत में उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए आह्वान किया कि वे आत्मबल, संयम और सकारात्मकता से अपना मार्ग चुनें और देश को नशा मुक्त बनाने में योगदान दें।

प्रशांत खरे जी ने कहा कि नशे की लत अब एक राष्ट्रीय संकट बन चुकी है। लगभग 1.5 करोड़ विद्यार्थी किसी न किसी नशे की चपेट में हैं, जिससे अपराध, तस्करी और सामाजिक असंतुलन बढ़ रहा है। एमपी पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओ से आग्रह किया कि वे नशे से दूर् रहें और दूसरों को भी सलाह दे की वे सब नशे से दूर रहें।

पंकज कुमार पांडेय जी ने अपने संबोधन में कहा कि नशे में लिप्त व्यक्ति न केवल स्वयं को बल्कि पूरे परिवार, समाज और देश को प्रभावित करता है। ऐसे व्यक्तियों का जीवन बर्बाद हो जाता है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि राष्ट्र को नशा मुक्त बनाने में योगदान दें और एक स्वस्थ, समृद्ध भारत की नींव रखें।

डॉ योगेन्द्र पुरोहित जी ने युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि नशे की प्रवृत्ति हमारे मानसिक असंतुलन का परिणाम होती है। उन्होंने कहा कि हमारे शरीर की विद्युत शक्ति भोजन और जीवनशैली से प्रभावित होती है। यदि हम पालक, धनिया, अदरक, मेथी, टमाटर और अन्य हरी सब्जियों का सेवन करें, गर्म पानी में उबालकर पीएं, तो डोपामिन हार्मोन संतुलन में रहेगा और नशे की प्रवृत्ति स्वतः समाप्त हो जाएगी। योग को जीवन में अपनाकर नशे से दूर रहा जा सकता है।

प्रेरक वक्तव्य देते हुवे डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि आदत और लत में अंतर होता है। आदत को बदला जा सकता है, लेकिन लत नियंत्रण से बाहर हो जाती है। जिस प्रकार एक बीज में तभी ताकत आती है जब वह सही मिट्टी में होता है, उसी प्रकार नशे की जड़ जब गहराई तक चली जाए तो उसे हटाना कठिन होता है। 625 करोड़ लीटर शराब की खपत भारत में होती है, जिससे दुर्घटनाएं, हिंसा, अपराध जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। डिजिटल एडिक्शन, केमिकल एडिक्शन और बिहेवियरल एडिक्शन जैसे नए प्रकार के नशे भी चिंताजनक हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. संगीता जौहरी ने स्वागत उद्बोधन देते हुवे बताया कि विश्वविद्यालय ने नशा मुक्ति के अभियान को गांव-गांव तक पहुँचाने का प्रयास किया है। विशेष रूप से हिनौतिया गांव में जनजागरूकता रैली निकाली गई जिसमें युवाओं, महिलाओं और ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और नशा छोड़ने की शपथ ली। उन्होंने अंत में कहा की निशित ही यह अभियान समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और युवाओं को नशे से दूर रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

शीला सुराना जी ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कूल-कॉलेजों के माध्यम से रैलियों का आयोजन किया गया, स्कूलों में नशे पर आधारित शॉर्ट फिल्में दिखाई गईं और जन परिवहन (बसों) में विशेष वीडियो के माध्यम से जागरूकता फैलाई गई। मानव श्रृंखला बनाकर भी संदेश दिया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा नशा विरोधी लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। आईपीएस वरुण कपूर द्वारा निर्देशित नशे पर आधारित शॉर्ट मूवी तथा रायसेन पुलिस द्वारा निर्मित फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसे दर्शकों ने सराहा। वहीँ आरएनटीयू द्वारा आयोजित गतिविधियों पर केंद्रित वीडियो भी प्रदर्शित किया गया।

कार्यक्रम के समापन पर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह जी द्वारा बखूबी मंच सञ्चालन किया गया वहीँ कार्यक्रम समन्न्व्यक एवं एन सी सी आफिसर सब लेफ्टिनेंट मनोज सिंह मनराल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इसके बाद एसपी रायसेन श्री पंकज कुमार पांडेय द्वारा उपस्थित सभी को नशा मुक्त भारत की सामूहिक शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम का अंत राष्ट्रगान के साथ हुवा। कार्यक्रम के सफल आयोजन में एनसीसी कैडेट्स और एनएसएस के स्वयं सेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस सप्ताहव्यापी नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत प्रतियोगिता आयोतिज की गई जिसका परिणाम पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान: निशा पटेल (मेडिकल छात्रा), द्वितीय स्थान: ऋतुराज, तृतीय स्थान: पलक मीना (NCC कैडेट) ने प्राप्त किया। वहीँ रील मेकिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान: कृति सिंह (NCC कैडेट), द्वितीय स्थान: कुंदन कुमार (NSS छात्र), तृतीय स्थान: राजकुमार गुर्जर ने प्राप्त किया।

ज्ञात हो की इस अभियान के तहत सप्ताभर में जागरूकता रैली, व्याख्यान, पोस्टर मेकिंग तथा रील्स मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों तथा ड्राइवर्स ने सक्रिय सहभागिता की। साथ ही गोद ग्राम हिनोती में जागरूकता रैली निकालकर व घर-घर जाकर लोगों से नशे से दूर रहने की अपील की गई। इसके साथ ही पोस्टर मेकिंग व रील्स मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था।

Created On :   23 July 2025 7:31 PM IST

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