किरदार में कुछ तो थी बात - शकुनि मामा के लंगड़ाकर चलने की भी थी अनोखी कहानी

किरदार में कुछ तो थी बात - शकुनि मामा के लंगड़ाकर चलने की भी थी अनोखी कहानी
  • अभिनेता गुफी पेंटल का निधन
  • ‘शकुनि मामा’ जैसा कोई नहीं
  • किरदार में कुछ तो थी बात

डिजिटल डेस्क, नीतू सिंह, मुंबई। दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक महाभारत से घर-घर पहुंचने वाले अभिनेता गुफी पेंटल नहीं रहे। 78 साल की उम्र में सोमवार को महानगर के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। 2023 से अब तक 5 महीनों में कला व सिनेमा जगत के कुल 20 प्रमुख लोग संसार को अलविदा कह गए हैं।

उम्र बढ़ने के साथ-साथ क‌ई बीमारियों‌ से घिरते जा रहे गुफी पेंटल 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुए थे, लेकिन सोमवार की सुबह 9 बजे के करीब दिल का दौरा पड़ा और उसी से उनका निधन हो गया। उन्होंने टीवी के बेहद लोकप्रिय धारावाहिक 'महाभारत' के एक डायलॉग को अपनी ज़िंदगी में उतार दिया था, जिसमे शकुनि मामा के किरदार में वे दुर्योधन को सलाह देते हुए कहते हैं, "किसी पर विश्वास करना हो तो उसकी बातों पर नहीं, उसकी हरकतों पर ध्यान दो।' गुफी ने महाभारत, के अलावा "कानून', "सौदा', "अकबर-बीरबल', "मिसेज कौशिक की पांच बहुएं', जैसे सीरियल में भी काम किया है। गुफी "रफू चक्कर', "दिल्लगी', "देस परदेस', 'मैदान-ए -जंग', "दावा' जैसी कई फिल्मों में भी काम कर चुके हैं, लेकिन उन्हें पहचान मिली बीआर चोपड़ा के धारावाहिक शकुनि मामा की भूमिका से।

‘शकुनि मामा’ जैसा कोई नहीं

साल था 1988 और तारीख थी 2 अक्टूबर। उस दिन दूरदर्शन पर बी.आर. चोपड़ा के सीरियल महाभारत का प्रसारण शुरु हुआ था। "महाभारत' सीरियल ने कामयाबी के रिकॉर्ड तो तोड़े ही लेकिन इसके किरदारों ने भी दर्शकों पर अपनी अलग छाप छोड़ी। इन्ही किरदारों में एक था शकुनि मामा का किरदार जिसे निभा रहे थे गुफी पेंटल। हालांकि गुफी उस समय ये किरदार निभाना नहीं चाहते थे,क्योंकि वे खुद वहां कास्टिंग डायरेक्टर थे। लेकिन जब कोई भी इस रोल के लिए नहीं मिला तो उन्होंने खुद इस किरदार को निभाने का फैसला किया और उनका यह फैसला सही साबित हुआ। शकुनि के किरदार में गुफी ने जान डाल दी। काले कपड़े, टेढ़ी चाल, हाथ में कौड़ियों की खनक, चेहरे पर चालाकी और धूर्त भाव वाले"शकुनि मामा'को लोगों ने लंबे समय तक याद रखा।

मामा-भांजे की हमारी जोड़ी थी बेमिसालः पुनीत इस्सर

"महाभारत' में दुर्योधन का किरदार निभाने वाले पुनीत इस्सर ने गुफी पेंटल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यकीन नहीं हो रहा है कि गुफी पेंटल अब इस दुनिया में नहीं हैं। पुनीत उनके साथ 80 शो कर चुके हैं। पुनीत इस्सर कहते हैं कि भले ही गुफी 80 साल के हो गए थे पर उनके भीतर काम करने का जबरदस्त जोश था। पुनीत इस्सर ने बताया कि कम लोग जानते हैं कि गुफी पेंटल कविताएं भी लिखते थे। बाद में उन्होंने कुछ गाने भी लिखे थे और बड़े शौक से पुनीत इस्सर को फ़ोन करके सुनाते भी थे।पुनीत इस्सर कुछ दिन पहले ही गुफी पेंटल से अस्पताल मिलने गए थे, पर उस वक्त गुफी कोमा में थे।

अदाकारी में क्रूरता परनिर्मल मन वाले थे गुफीः गजेंद्र चौहान

गुफी पेंटल ने भले शकुनि के नेगेटिव किरदार से लोकप्रियता हासिल की हो लेकिन वे दिल अच्छे इंसान थे। महाभारत सीरियल में युधिष्ठिर का किरदार निभा चुके गजेंद्र चौहान लगभग 40 सालों से गुफी के साथ रहे हैं।गजेंद्र चौहान ने उन्हें याद करते हुए कहा कि सेट पर हम उन्हें मज़ाक में शकुनि मामा कहकर चिढ़ाते थे। एक शुटिंग देखने सेट पर आई मेरी मां हमें डांटा और कहा कि ये मेरे भाई है, इस लिए ये तुम्हारे सच में मामा हैं। इनका सम्मान किया करो।

शकुनि मामा के लंगड़ाकर चलने की भी अनोखी कहानी

गुफी पेंटल शकुनि मामा के किरदार में लंगड़ाकरचलतेहुएदिखाईदेतेहैं। यह उस किरदार की पहचान बन गई थी। लेकिनकमलोगहीजानतेहैंकिगुफीपेंटलदरअसल अपने दाहिने पैर से ठीक से चल नहीं पाते थे। गजेंद्र चौहान बताते हैं कि गुफी पेंटल अफगानिस्तान में फिरोज खान की फिल्म "धर्मात्मा' की शूटिंग के दौरान घोड़े से गिर गए थे। इस वजह से वे लंगड़ा कर चलते थे और यही शकुनि के किरदार की सबसे बड़ी खूबी बन गई।

Created On :   6 Jun 2023 1:00 AM IST

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