Nagpur News: राज्य सरकार की नई रेत नीति को चुनौती

राज्य सरकार की नई रेत नीति को चुनौती
हाई कोर्ट ने 10 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा

Nagpur News राज्य सरकार की नई रेत नीति-2025 को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि, यह नीति कई खामियों से भरी हुई है और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित नियमों का पालन नहीं करती। अदालत ने इस मामले में राज्य के राजस्व और वन विभाग, नागपुर जिलाधिकारी और जिला खनन अधिकारी को नोटिस जारी कर 10 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। जनहित याचिका कृष्णकुमार अग्रवाल ने दायर की है। याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की पीठ ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता का आरोप है कि, राज्य सरकार की नई रेत नीति पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों, केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ है।

वैज्ञानिक और पर्यावरण-अनुकूल नहीं : याचिका के अनुसार राज्य सरकार ने 8 अप्रैल 2025 को जारी की रेत नीति केंद्र की "सस्टेनेबल सैंड माइनिंग गाइडलाइन 2016', "सैंड माइनिंग फ्रेमवर्क 2018' और "एनफोर्समेंट एंड मॉनिटरिंग गाइडलाइंस 2020' से मेल नहीं खाती। नीति अंतर्गत किए गए अध्ययनों में वैज्ञानिक पद्धति का अभाव है, जिसके कारण नदी तल की संरचना और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। याचिकाकर्ता की मांग है कि, राज्य सरकार की रेत नीति 2025 को रद्द कर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप एक नई, वैज्ञानिक और पर्यावरण-अनुकूल नीति तैयार की जाए।

अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा : याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि, इस नीति से अवैध रेत खनन, नदी किनारों का कटाव, भू-जल स्तर में गिरावट और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, नीति में सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा से जुड़ी कोई व्यवस्था नहीं है और पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का कोई स्पष्ट प्रावधान भी नहीं किया गया है।


Created On :   14 Oct 2025 2:05 PM IST

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