नागपुर- ठाणे सहित राज्य में चार स्थानों पर बनेंगे पुनर्वसन गृह

नागपुर- ठाणे सहित राज्य में चार स्थानों पर बनेंगे पुनर्वसन गृह
  • मानसिक बीमारी से मुक्त होने वालों को मिलेगी राहत
  • कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव
  • बनेंगे पुनर्वसन गृह

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। प्रदेश की शिंदे-फडणवीस सरकार मानसिक बीमारी से ठीक हुए व्यक्तियों के लिए पुनर्वसन गृह (घर) योजना लागू करेगी। ठाणे, नागपुर, पुणे और रत्नागिरी में पुनर्वसन गृह बनाए जाएंगे। इन पुनर्वसन गृहों में ऐसे मानसिक बीमारी से मुक्त व्यक्तियों को रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिन्हें भविष्य में इलाज की जरूरत नहीं होगी और जिन मानसिक बीमारी से मुक्त व्यक्तियों को उनके परिवार वाले स्वीकार नहीं कर रहे होंगे। ऐसे व्यक्तियों को स्वयं सेवी संस्थाओं (एनजीओ) के माध्यम से पुनर्वसन गृह में रहने की सहूलियत मिलेगी। राज्य में ठाणे, नागपुर, पुणे और रत्नागिरी में मेंटल अस्पताल हैं। इन अस्पतालों के पास कुल 16 पुनर्वसन गृह बनाए जाएंगे। प्रत्येक पुनर्वसन गृह में 25 लोग रह सकेंगे। महिलाओं और पुरुषों के रहने की व्यवस्था अलग-अलग की जाएगी।

राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग ने पुनर्वसन गृह योजना तैयार की है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा जाएगा। एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' को बताया कि मानसिक रूप से बीमार हुए लोगों को उपचार के बाद कई बार परिवार वाले घर में दोबारा रखने के लिए तैयार नहीं होते हैं। ऐसे 18 साल से अधिक आयु वर्ग वाले व्यक्तियों को पुनर्वसन गृह योजना का लाभ मिलेगा।

प्रति व्यक्ति 12 हजार अनुदान

अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से एनजीओ को प्रति व्यक्ति 12 हजार रुपए सहायक अनुदान प्रदान किया जाएगा। इससे पुनर्वसन गृह चालक एनजीओ इमारत खर्च, आहार, मनोरंजन सहित अन्य व्यवस्था पर आने वाले खर्च वहन कर सकेंगे। प्रत्येक पुनर्वसन गृह में 15 कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। पुनर्वसन गृह के संचालन-पात्र एनजीओ के चयन के लिए समिति बनाई जाएगी। इस समिति के अध्यक्ष राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक होंगे। पुनर्वसन गृह योजना पर सालाना 5.76 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है।

कौशल्य विकास का प्रशिक्षण

अधिकारी ने बताया कि पुनर्वसन गृहों में रहने वाले मानसिक बीमारी से मुक्त व्यक्तियों को कौशल्य विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे भविष्य में वे रोजगार हासिल कर सकेंगे। इस योजना के जरिए सरकार का उद्देश्य मानसिक बीमारी से ठीक हुए व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा में लाना है।

4 पुनर्वसन गृहों में 121 व्यक्ति

प्रदेश में फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मुंबई, नागपुर, रत्नागिरी और पुणे में पुनर्वसन गृह शुरु हैं। चारों पुनर्वसन गृह एनजीओ के माध्यम से संचालित किए जाते हैं। इनमें मानसिक बीमारी से मुक्त 121 व्यक्ति रहते हैं। मुंबई के पुनर्वसन गृह में 35, नागपुर में 12, पुणे में 52 और रत्नागिरी में 22 लोग हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

दिव्यांग कल्याण अधिनियम 2016 की धारा 24 और 25 के प्रावधानों के अनुसार दिव्यांग व्यक्तियों के सामाजिक सुरक्षा व स्वास्थ्य की दृष्टि से पुनर्वसन गृह स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई, 2017 को एक याचिका की सुनवाई में महाराष्ट्र को मानसिक बीमारी से मुक्त व्यक्तियों के लिए पुनर्वसन गृह स्थापित करने के निर्देश दिए थे।

Created On :   12 Jun 2023 2:21 PM GMT

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