पशुधन को प्रशासन कर रहा सुरक्षित, लम्पी नामक बीमारी ने फैलाई दहशत

Administering animals safe, a disease called lumpy spread panic
पशुधन को प्रशासन कर रहा सुरक्षित, लम्पी नामक बीमारी ने फैलाई दहशत
गोंदिया पशुधन को प्रशासन कर रहा सुरक्षित, लम्पी नामक बीमारी ने फैलाई दहशत

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. देश के अनेक हिस्सों में इन दिनों मवेशियों में फैल रही लम्पी नामक बीमारी ने दहशत फैला रखी है। हालांकि गोंदिया जिले में अब तक कोई भी मवेशी इस बीमारी से पीड़ित नहीं पाया गया है। इसके बावजूद सतर्कता बरतते हुए पशु संवर्धन विभाग ने बड़े पैमाने पर जिले में पशुधन का नि:शुल्क टीकाकरण अभियान शुरू किया है। जिले में कुल 75 टीमों के माध्यम से 2 लाख 92 हजार गौवंश का टीकाकरण किया जा रहा है। यह जानकारी जिला पशु संवर्धन उपायुक्त डा. श्रीधर बेदरकर ने दी है। जिले में लम्पी नामक चर्मरोग के विषय में बड़े पैमाने पर जनजागृति की जा रही है। इसके माध्यम से पशु पालकों को उन्हें क्या सावधानी बरतनी चाहिए। इस विषय में मार्गदर्शन भी किया जा रहा है। किसानों को बताया जा रहा है कि जिले में लम्पी बीमारी से संबंधित कोई भी मवेशी दिखाई पड़ने पर उसे तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सालय में ले जाए, जहां उसका उपचार नि:शुल्क किया जाएगा। इसके अलावा जिले की सभी ग्राम पंचायतों को बीमारी का प्रसार रोकने के लिए संक्रामक बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों एवं कीटकों को नष्ट करने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने की सूचना दी गई है। उन्होंने बताया कि लंपी से मनुष्यों को किसी प्रकार का खतरा नहीं होता। यह बीमारी केवल गायो एवं बैलों में ही होती है। जिले में टीकाकरण का कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया गया है। 

हर तहसील में पशु संवर्धन विभाग की टीम तैयार की गई है एवं किसानों को तबेलों में कीटनाशक का छिड़काव करने की सूचना दी गई। समय पर उपचार करने से यह रोग निश्चित रूप से ठीक होता है। जिले में मोबाइल पशु चिकित्सालय के माध्यम से जनजागृति की जा रही है। 104 पशु चिकित्सालयों के साथ हर पंस, तहसील कार्यालय, ग्राम पंचायत, पटवारी कार्यालय के दर्शनीय हिस्से में इस संबंध में जानकारी देने वाले फलक लगाए गए है। 

बीमारी के लक्षण

यह बीमारी संक्रामक है और इसका संक्रमण काटने वाली मक्खियों, मच्छरों तथा अन्य कीटकों के अलावा दूषित चारा एवं पानी से होता है। बीमारी के लक्षणों की बात की जाए तो इससे मवेशियों के शरीर पर 10 से 15 मिली मीटर व्यास के आकार की गठाने, तेज बुखार, आंखों एवं नाक से स्त्राव, चारा-पानी खाना बंद होना, दुग्ध उत्पादन में कमी आदि है। कुछ मवेशियों में इस बीमारी से पैरों पर सुजन भी आ जाती है।

पशु पालक बरतें यह सावधानियां 

जिला पशु संवर्धन विभाग ने लम्पी से बचाव के लिए पशु पालकों से कुछ सावधानियां बरतने का आव्हान किया है, जिसमें बाधित मवेशी को तत्काल अलग करने, मवेशियों के गोठोें में सोडियम हायपो क्लोराईड फिनाइल का छिड़काव करने, मवेशियों को आयवर मैक्टिंग इंजेक्शन देने, तबेलों में कीटनाशक का छिड़काव करने, त्वचा पर बनी गाठाें का घाव में रूपांतर होने पर उसे जंतुओं से बचाने के लिए जख्मों पर औषधि लगाने एवं पशु चिकित्सा अधिकारी के मार्गदर्शन में टीकाकरण करने को कहा गया है। 
इन नंबरों पर करें संपर्क  

जिले में लम्पी से पीड़ित मवेशी दिखाई पड़ने पर तत्काल जिला पशु संवर्धन उपायुक्त से 9405770960, जिला पशु संवर्धन अधिकारी से 9423113971 से तत्काल संपर्क करने का आव्हान किया गया है। इसके अलावा विभाग के टोल फ्री क्र. 18002330418 अथवा 1962 इस क्रमांक पर पशु पालक संपर्क कर नि:शुल्क सेवा का लाभ उठा सकते हैं। 

Created On :   27 Sept 2022 6:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story