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प्याज कारोबारियों पर प्रशासन रखेगा नजर - स्टाक सीमा उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क जबलपुर। कलेक्टर भरत यादव ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई थोक एवं फुटकर व्यापारियों के लिये तय की गई स्टॉक लिमिट का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं । आज सोमवार को समय सीमा प्रकरणों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए श्री यादव ने अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों से कहा कि उन्हें अपने -अपने क्षेत्र में प्याज के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर नजर रखना होगी और स्टॉक की तय लिमिट का उल्लंघन पाए जाने पर कार्यवाही करनी होगी । कलेक्टर ने बैठक में समर्थन मूल्य पर धान के उपार्जन के लिए सभी किसानों का पंजीयन 16 अक्टूबर तक की तय समयावधि के भीतर करा लेने के निर्देश भी दिए । उन्होंने बताया कि उड़द, मक्का ,मूंग और अरहर के उपार्जन के लिए भी तीन अक्टूबर से किसानों का पंजीयन प्रारम्भ किया जाएगा । मक्का, मूँग , उड़द और उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन पिछले बर्ष किये गए केन्द्रों पर ही होगा । कलेक्टर ने धान उपार्जन के लिए अभी से तैयारियाँ प्रारम्भ करने के निर्देश भी दिए ।
प्रशिक्षण देने के निर्देश
समय सीमा प्रकरणों की समीक्षा बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता पर्चीधारी परिवारों के सत्यापन के लिये की जा रही तैयारियों पर भी चर्चा की गई । कलेक्टर ने सत्यापन दलों का गठन का काम शीघ्र पूरा करने तथा उन्हें 6 से 13 अक्टूबर प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए । श्री यादव ने बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के सत्यापन की प्रगति पर संतोष जताया । उन्होंने सम्बल योजना (नया सवेरा) के शेष बचे हितग्राहियों के पंजीयन का कार्य तीन दिन के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए ।
बिल्डरों से सख्ती से वसूली की हिदायत
कलेक्टर ने राजस्व वसूली और राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा भी बैठक में की । उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में आई गति की सराहना करते हुए कहा कि छह माह से अधिक समय से लम्बित राजस्व प्रकरणों खासतौर पर बंटबारा के प्रकरणों के निराकरण पर और ज्यादा ध्यान देना होगा । श्री यादव ने राजस्व शिविरों का निरन्तर आयोजन के निर्देश दिए तथा रेरा के प्रकरणों में बिल्डरों से सख्ती से वसूली की हिदायत दी ।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।