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सिविल जज परीक्षा में आयु सीमा में नहीं मिल सकती 5 वर्ष की छूट
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि सिविल जज परीक्षा में एससी-एसटी, ओबीसी और राज्य सरकार में सेवारत कर्मियों को 5 वर्ष की छूट नहीं दी जा सकती है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने अपने आदेश में कहा है कि वर्तमान में संबंधित वर्ग को आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट दी जा रही है। इसके आधार पर याचिका खारिज कर दी गई है। जिला एवं सत्र न्यायालय सतना में स्टेनो के पद पर कार्यरत सुरेश रोकड़े की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि सिविल जज भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए आयु सीमा 21 से 35 वर्ष रखी गई है। इसके अलावा सिविल जज की भर्ती परीक्षा में एससी-एसटी, ओबीसी और राज्य सरकार में सेवारत कर्मियों को 3 वर्ष की छूट दी जा रही है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में एससी-एसटी, ओबीसी और राज्य सरकार में सेवारत कर्मियों को 5 वर्ष की छूट दी जा रही है। इसको देखते हुए मप्र में भी संबंधित वर्ग को 5 वर्ष की छूट प्रदान की जाए। याचिकाकर्ता की जन्मतिथि 12 जुलाई 1981 है, आयु सीमा में छूट मिलने से याचिकाकर्ता भी सिविल जज परीक्षा में शामिल हो सकेगा। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने याचिका खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अरुवेन्द्र सिंह परिहार और शासन की ओर से पैनल लॉयर जगत सिंह ने पक्ष प्रस्तुत किया।
Created On :   17 Nov 2020 8:39 AM GMT