पुरानी दर से ही दी जा रही फसलों के मुआवजे की राशि

Amount of compensation for crops being given at the old rate
पुरानी दर से ही दी जा रही फसलों के मुआवजे की राशि
वन विभाग की अनदेखी पुरानी दर से ही दी जा रही फसलों के मुआवजे की राशि

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जंगलों से सटे खेतों में खड़ी धान की फसलों को वन्यजीव उजाड़ रहे हैं। जिस कारण किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान सहन करना पड़ रहा है। वन्य प्राणियों द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई वन विभाग के माध्यम से सरकार द्वारा तय किए गए दर के हिसाब से दी जाती है। लेकिन वन विभाग की अनदेखी कहे या लापरवाही, मुआवजे के तौर पर पुराने दर के हिसाब से ही किसानों के खातों में राशि जमा की जा रही है। वर्तमान में शासन ने प्रति क्विंटल धान को 2 हजार 40 से 2 हजार 60 रुपए तक दर तय किया है। 

जबकि वन विभाग किसानों को 1850 रुपए के दर से ही मुआवजे की राशि दे रहा है।जिससे किसानों को घाटा सहन करना पड़ रहा है। बता दें कि जिले में धान का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। जंगलों से सटे हजारों एकड़ खेती बसी हुई है। जहां पर धान की फसलें लहलहा रही है। हाथ में आई धान की फसलों को वन्यजीव उजाड़ रहे हैं। जिससे किसानों को लाखों रुपयों का नुकसान पहुंच रहा है। नुकसान पहुंचने के बाद भी वन विभाग की ओर से निर्धारित कालावधि में किसानों को नुकसान का मुआवजा नहीं दिया जाता।

यहां तक कि पुराने दर पर ही मुआवजे की राशि किसानों के खातों में जमा की जा रही है। बताया गया है कि गोरेगांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2021-22 में लगभग 200 किसानों की खेतों की फसलों को वन्यजीवों ने उजाड़ दिया था। 1850 प्रति क्विंटल दर के हिसाब से 160 किसानों के खातों में 10 लाख 42 हजार रुपए की राशि जमा की गई। अभी भी 45 मामलों में किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। चालु वर्ष अर्थात अगस्त 2022 तक 25 किसानों के खेतों की फसलों को वन्यजीवों द्वारा उजाड़ देने की बात सामने आई है। लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि जो मुआवजा किसानों को दिया जाता है वह पुराने दर पर ही क्यों दिया जा रहा है? जबकि वर्तमान में शासन ने साधारण श्रेणी के धान को 2040 व अ श्रेणी के धान को 2060 रुपए प्रति क्विंटल दर घोषित किया है। 

वरिष्ठों से जानकारी ली जाएगी

मनोज गाढ़वे, आरएफओ, गोरेगांव के मुताबिक शासन के निर्देशों के तहत मुआवजे की राशि किसानों को दी जा रही है। नए दर से मुआवजे की राशि दी जा रही है या नहीं? इसकी जानकारी वरिष्ठों से लेकर आगे की प्रक्रिया की जाएगी।


 

Created On :   13 Oct 2022 7:24 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story